जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी किसान प्रकोष्ठ के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि पंचायत चुनाव ड्यूटी में शिक्षकों व अन्य कर्मियों के अतिरिक्त 200 शिक्षामित्रों, 99 अनुदेशकों सहित लगभग 100 रसोइयों को पंचायत चुनाव ड्यूटी करते समय कोरोना संक्रमण हुआ और उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी है। शिक्षकों व अन्य राज्य कर्मियों के लिये राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रत्येक के आश्रितों को 30 लाख रुपया प्रति कर्मी अनुदान घोषित किया है
लेकिन उसमें शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों के लिये कोई राहत की घोषणा नहीं की, जिससे मृतको के आश्रितों के समक्ष रोजी रोटी का संकट है जिसके लिये राज्य सरकार पूरी तरह दोषी है। किसान प्रकोष्ठ के गाजियाबाद जिला अध्यक्ष मनोज चौधरी ने कहा कि पंचायत चुनाव के दौरान जान गंवाने वाले शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों के लिए राहत ही घोषणा न किया जाना समता के मूल सिद्धांत व मानवीय आधार पर अन्याय है
इसलिये योगी सरकार असमानता व अन्याय के बजाय शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों के आश्रितों को समान नीति बनाकर अनुदान देने के साथ प्रत्येक जान गंवाने वाले के एक आश्रित को सरकारी नौकरी भी प्रदान करे जिससे उनके परिवार की आजीविका चल सके।
मनोज चौधरी ने राज्य सरकार की पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान कोरोना संक्रमण से जान गंवाने वालों के साथ भेदभावपूर्ण नीति अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण की भयावहता विकरालता के बावजूद राज्य सरकार ने जबर्दस्ती चुनाव कराये जिसके चलते संक्रमण से मौतें हुईं जिसके लिये राज्य सरकार पूरी तरह दोषी है, वहीं उसकी अनुदान नीति भी गलत है।
मनोज चौधरी ने मांग की है कि मृतक शिक्षकों के परिजनों को एक एक करोड़ रुपये प्रति शिक्षक परिवार अनुदान के साथ मृतक आश्रित के एक सदस्य को नौकरी दी जाए। इसके साथ ही राज्य सरकार को चाहिये कि शिक्षकों के साथ-साथ शिक्षामित्रों, अनुदेशकों व रसोइयों के परिवार को भी एक समान अनुदान देने के साथ प्रत्येक मृतक के एक आश्रित को सरकारी सेवा में समायोजित किया जाए।