अब तानाशाही से मुक्ति को झटपटा रहा है देश !
जनसागर टुडे संवाददाता
मोदी कुर्सी : क्रेडिट और करेंसी के लिये जीता है, उन्हे देश,देश की तरक्की और देश की समस्याओ से कोई सरोकार नही है। जिस तानाशाही तरीके से मोदी काम कर रहे हैं उससे ये साफ़ हो गया है कि मोदी की तानाशाही से देश की अवाम अब मुक्ति चाहती है। कोई महामारी, आफत या संकट देश में हो मोदी,भाजपा और आर एस एस को उससे कोई सरोकार नही है। चुनाव दर चुनाव ड्रेस बदल बदल कर मोदी ने जो चुनाव प्रचार में अब तक ताकत झोंकी है और चुनाव हारने के बाद जिस बेशर्म खरीद फरोख्त और जोड़ तोड करके दूसरों की सत्ता गिराकर खुद सरकार बनाई है।
उससे साफ़ होता है कि मोदी ऐण्ड कम्पनी कुर्सी के बिना जीवित नही रह सकते। चुनाव हारने के बाद राज्यों में दंगे, हिंसा और नफरत फैलाकर ये अपनी कुर्सी ना मिलने की भड़ास तो निकालते ही हैं उभरते नेतृत्व को डैमेज और किल करने का हर हथकण्ड़ा अपनाते हैं। इस काम के लिये सरकारी एजेन्सियों के दुरुपयोग में जरा भी नही झिझकते। पश्चिम बंगाल इसका ताजा उदाहरण है,जहाँ दंगा,हिंसा और सरकारी एजेन्सियों का दुरुपयोग कर ममता के बढते कद को रोकने और कुर्सी पर खुद के कब्जे की कवायद की जा रही है।
क्रेडिट लेने के लिये मोदी झूठ,प्रपंच और इवेंट में पूरी ताकत लगा देते हैं। कई मौको पर पोल खुल जाने के बाद जग हसाई होने पर भी वे जरा भी नही शरमाते। करोना महामारी में सरकारी उपक्रम बेच बेच कर और डीजल पेट्रौल के रेट बढाकर वे करेंसी लुटते लुटते अचानक क्रेडिट हासिल करने के मौके पर झपट पडते है।
दो प्राईवेट कम्पनियों द्वारा वेक्सिन बनाने में किसी भी तरह का सहयोग तो किया नही वेक्सिन जब बन कर आ गईं तो खुद को पूरी दुनिया को महामारी से बाहर निकालने वाले देवदूत की तरह पेश करने में देर नही लगाई। कई देशो को वेक्सिन और ओक्सिजन सप्लाई करके मोदी अपनी गोदी मीडिया के जरिये विश्व गुरु बनने में लग गए। बंगाल चुनाव के बाद देश मे फैली कोरोना की दूसरी लहर ने मोदी को बेनकाब करना शुरु किया और लोगों ने दिल्ली में पोस्टर लगाकर ये पूछा कि हमारे बच्चो की वेक्सिन विदेशो को क्योँ बेच दी।
क्रेडिट में किसी भी दखलंदाजी को ना पसंद करने वाले मोदी ने तानाशाही का मुजायरा पेश करते हुए एफ आई आर और गिरफ्तारियां करा दी।इ ससे पहले भी अपने फैसलो,खामियों और भ्रष्टाचार पर सवाल उठाने वालो को मोदी और उनकी कम्पनी अफ़वाह फैलाने और भ्रम फैलाने के आरोप में जेल में डालने और संपत्ति तक जब्त कर लेने की धमकी दे चुके हैं। करेंसी लूट की मोदी की हरकतें और षडयंत्र छुपे हुए नही हैं। बैंक लूट कर विदेश भागने वाले लोग भाजपा को उसका हिस्सा देकर ही भाग पाये हैं ये कई बार उजागर हो चुका है।
सरकारी उपक्रमो को घाटे में पहुंचा कर फ़िर औने पौने दाम मे बेच देना इसलिये अम्ल मे लाया गया क्योँकि जिन उध्योगपति मित्रों को ये बेचे गए चुनाव, इमेज मेकिंग से लेकर सारा खर्चा यही उध्योगपति मित्र उठाते हैं। तीन खेती कानूनो को वापिस ना लेना, महामारी के दौर में जब अस्पताल दवाई और पूरे हेल्थ सेक्टर पर पैसा खर्च करने की जरुरत है तब मोदी 8500 करोड़ का निजी विमान खरीदने और 20 हजार करोड़ का अपना महल बनवाने में जुटे हैं।
जिससे साफ़ है कि मोदी पूरे देश की करेंसी को सिर्फ अपने लिये खर्च करना चाहते हैं। चाहे इस करेंसी लूट में जी डी पी ढेर हो जाये, बेरोजगारी, भुखमरी और कंगाली फैल जाये और चाहे देश गुलाम ही क्योँ ना हो जाये। इस बीच जब जब देश में संकट आया तो देश की अवाम ने गृहमंत्री को लापता पाया, वे केवल चुनावी नफरत के बीज बोने के एक्सपर्ट ही हैं क्या?बहरहाल मौजूदा परिस्थितियों में लोग सब समझने लगे हैं और मोदी एन्ड कम्पनी की तानाशाही से अब मुक्ति चाहते हैं। (लेखक आजाद समाज पार्टी, भीम आर्मी के प्रवक्ता हैं)