जनसागर टुडे संवाददाता
गजियाबाद: जहां बेकाबू कोरोना के चलते मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। वहीं कोरोना पर कंट्रोल के नाम पर कोताही भी थमती हुई नहीं दिख रही है। जहां हाल में मोक्ष स्थली हिंडन के बाद हिंडनपार के वैशाली सेक्टर छह में इस्तेमाल पीपीई कीट को खुले में फॅैंके जाने के मामले सामने आए थे,वहीं अब शहर की पॉश कालोनी कविनगर में सर्वोदय अस्पताल के ठीक सामने,बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र यहां तक कि जीटी रोड स्थित एमएमजी अस्पताल में सीएम के कमरे के बाहर खुले में पीपीई कीट देखने को मिली। जानकारों का कहना है
कि इस्तेमाल पीपीई कीट को खुले में डाला जाना बहुंत ही घातक साबित हो सकता है। इस्तेमाल पीपीई कीट कई अन्य को जानलेवा कोरोना की चपेट में ले सकता है। यहां बता दे कि देखा जाए तो हर रोज बेकाबू कोरोना के चलते सौ से दो सौ लोग मौत का शिकार हो रहे है,बल्कि ग्रामीण अंचलों में लकडी का संकट आडे आने के चलते परिजन शवों को नदी आदि का रास्ता दिखाने के लिए विवश है।
हालांकि यदि प्रशासनिक मौत के आंकडे पर गौर करें तो वह कुछ भी नहीं है। सूत्र बताते है कि पूरे प्रशासन का इन दिनों जोर इस बात को लेकर है कि मौजूदा में कोरोना के नए मामले ज्यादा सामने न आए,ताकि सीएम के गाजियाबाद आगमन के दौरान ये दावा किया जा सकें कि दिल्ली से लगे होने के बावजूद गाजियाबाद में कोरोना पर कंट्रोल कर लिया गया है। सीएम के हाथों कोरोना पर नियंत्रण के नाम पर प्रसंशी पत्र हासिल किया जा सकें जबकि जो धरातल पर वास्तविक हालात है वह किसी से भी छिपे नहीं है।
इसके बावजूद लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। हाल के दौरान मोक्ष स्थली हिंडन पर इस्तेमाल पीपीई कीट खुले में डाले जाने का मामला सामने आया था। इसके बाद हिंडनपार के वैशाली सेक्टर छह में भी पीपीई कीट खुले मे डालने का मामला उजागर हुआ था। अब पॉश कालोनी कविनगर स्थित सर्वोदय अस्पताल के ठीक सामने ग्रीन बेल्ट,बुलंदशहर रोड औद्योगिक क्षेत्र तथा जीटी रोड स्थित एमएमजी अस्पताल में सीएमएस कक्ष के बाहर पीपीई कीट खुले में डाले जाने का मामला सामने आया है।