जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद। नगर निगम द्वारा कोविड-19 संक्रमण से शहर के बचाव हेतु किए जा रहे कार्यों के साथ-साथ अपने नियमित दायित्व भी पूरे किए जा रहे हैं इसी क्रम में शहर का सबसे प्रदूषित नाला वसुंधरा जोन स्थित ब्रिज बिहार का नाला जिसके लिए जनता की शिकायतों के साथ साथ् अनेकों समितियां भी इस नाले की सफाई के लिए प्रयासरत रहती हैं।
समितियों तथा वहां के निवासियों की शिकायत का संज्ञान लेते हुए नगर आयुक्त महेंद्र सिंह तवर द्वारा योजनाबद्ध तरीके से यह निर्णय लिया गया कि ब्रिज बिहार के नाले के पानी को शुद्ध किया जाए ताकि पर्यावरण में फैलने वाली गैस भी कम प्रभावित हो इसी के क्रम में जीएम जल तथा अन्य टीम को निर्देशित करते हुए कार्य कराया जा रहा है
ब्रिज विहार नाले के दीर्घ कालीन जल उपचार हेतु पहला कंस्ट्रकटिड वैटलैड बनाने का कार्य शुरू कर दिया गया है। नगर आयुक्त महेन्द्र सिंह तंवर ने बताया कि इस कोरोना काल में भी हम लोग नालों से जुडी समस्याओं का दीर्घकालीन हल तलाश करने के लिए कई पाइलेट प्रोजेक्ट पर काम कर रहे है, इसी कडी में हम लोगो ने ब्रिज विहार नाले के पानी को उपचार कर पुर्नउपयोग करने की योजना बनाई है और उस पर काम चल रहा है। नाले को दो हिस्सों मे बांटा जा रहा है और किनारों पर छोटे छोटे फाइटोरिड उपचार संरचानाओं को बनाया जाना है जिसमें से पहली संरचना बना ली गयी है,
इसमें पिस्टीया नामक पौघे डाले गये है जो दुनिया में सबसे तेज गति से पानी को साफ करते है और पानी में मौजूद मलमूत्र में मौजूद नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम व अन्य पोषक तत्वों को सोख कर बायोमास में बदल देते है, इसकी वृधि दर 17 प्रतिशत रोजाना है यानि हर छटे दिनों मे ये अपनी संख्या व आकार दो गुना कर लेते है , इस तकनीक को कंस्ट्रकटिड वैटलैड के नाम से जाना जाता है। इसके अलावा हर एक कंस्ट्रकटिड वैटलैड में आक्सीजन की मात्रा बढाने के लिए मैकेनिकल आक्सीजन यंत्र लगाया गया है
जिसका प्रभाव ये है पानी में अक्सीजन की मात्रा जो पहले शून्य थी वो अब लगभग 4 से 6 एम0जी0 प्रति लीटर हो गयी है, इससे पानी में आने वाली दुर्गन्द भी कम हो रही है, कार्य की दैनिक प्रगति का अनुश्रवण मैं स्वयं कर रहा हूं और महाप्रबन्धक जल को भी इस कार्य के लिए दैनिक व्यवस्था एवं अनुश्रवण हेतु लगाया गया है।