Monday, November 25, 2024
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होमआलेखचाहत का फल

चाहत का फल

जनसागर टुडे संवाददाता

1. बच्चे : चाहते थे कि उनका कोई स्कूल न हो और वह सारा दिन खेल सकें। (और यह हो गया)
2. महिला : चाहती थी कि उनके पति उनके साथ समय बिताते हुए घर के हर काम में हाथ बटाएं। (और यह हो गया)
3. पति : मैं इस ट्रैफिक से परेशान हूँ और चाहता हूँ कि मैं घर पर रहूँ  और कोई काम भी न करूँ और वेतन भी घर बैठे पाऊँ । (और यह हो गया)
4. नौकरीपेशा महिलाएं : काश मैं अपने बच्चों के साथ कुछ क्वालिटी टाइम बिता पाऊं। (और यह हो गया)
5. विद्यार्थी : काश मैं परीक्षा के लिए अध्ययन नहीं करता और एग्जाम टल जाए। (और यह हो गया)
6. वृद्ध माता-पिता : काश हमारे बच्चे रोज़ व्यस्त होने के बजाय हमारे साथ अधिक समय बिता पाते ? (और यह हो गया)
7. कर्मचारी : मैं नौकरी से तंग आ चूका हूँ। मुझे एक ब्रेक की जरूरत है। (और यह हो गया)
8. व्यापारीः हमारा कोई जीवन नहीं है, काश घर बैठकर टीवी देख सकते। (और यह हो गया)
9. पृथ्वी : मैं सांस नहीं ले पा रही। काश, मुझे इस सारे प्रदूषण और अराजकता से निज़ात मिले। (और यह हो गया)निष्कर्षः अब आप ऐसे में ईश्वर से क्या शिकायत करेंगे ? आपने जो चाहा, वह हो गया। अतः आगे से सोच-समझकर मांगे क्योंकि आप जो चाहते हैं, ईश्वर पल भर में पूरा कर सकते हैं।

लालजीत यादव

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