जनसागर टुडे संवाददाता
वर्तमान में वैश्विक महामारी की स्थिति में धैर्य एवं संयम रखते हुए स्वयं को एवं अपने परिवार को सकारात्मक रखने हेतु प्रयास करें। किसी भी स्थिति में मन मे कोई भी नकारात्मक भावनाएं ना आने दे। नकारात्मकता अवसाद का प्रथम चरण होती है। मन में सदैव सकारात्मक विचारों को ही आने दे। इसी में आपका एवं आप के परिवार का कल्याण निहित है। इसके विपरीत यदि आपकी सोच, विचार व कर्म नकारात्मक, द्वेषपूर्ण एवं दूसरों को हानि पहुंचाने वाले हैं, तो आप सदैव आशंकित व तनाव में रहते हुए एक अनचाहे भय के साथ परेशान होते रहेंगे।
न मन को शांति मिल पाएगी, ना ही जीवन मे खुशी व उल्लास रह पायेगा। अतः अपने विचारों एवं कर्मों की शुद्धता व सकारात्मकता पर ध्यान दीजिए, एवं सदैव प्रसन्न व तनावरहित रहते हुए अवसाद से दूर रहिए। सुप्रभात जी आपका आज का दिन अत्यन्त शुभ, उल्लासपूर्ण, सकारात्मक, सुखद एवं मंगलकारी हो। लौट आयेगी खुशियाँ, अभी कुछ गमो का शोर है. जरा संभलकर रहो मेरे अज़ीज़ों, अब फिर से इम्तिहान का दौर है..!खैरियत से हूँ मैं मेरे शहर में. तुम अपने शहर में अपनी हिफाजत रखना. किसी का हाथ छुना नहीं पर किसी का साथ छोड़ना नहीं.