जुलाई के बाद कोरोना की लहर थम जाएगी सत्ता पक्ष के लिए चल रहा चुनौतीपूर्ण समय जुलाई के बाद स्वत: ही समाप्त हो जाएगा
जनसागर टुडे संवाददाता
कई दिनों से टीवी और अखबार में सुनने को आ रहा है कि भारत में अक्टूबर तक कोरोना की तीसरी लहर आएगी ,जो वर्तमान कोरोना की स्थिति से भी कई गुना ज्यादा होगी जो बच्चों के लिए भी खतरनाक है। ज्योतिषीय दृष्टिकोण से जब इस पर विचार किया तो ग्रह गोचर भारत के पक्ष में स्पष्ट दिख रहे हैं। सबसे पहले हम विचार करते हैं
स्वतंत्र भारत की जन्म कुंडली के बारे में। 15 अगस्त 1947 को रात्रि 12:01 बजे जो लग्न बन रहा था वह था वृषभ लग्न ।वृषभ लग्न में राहु विराजमान है। जो राष्ट्र को हमेशा तनाव में रखेंगे बार बार समस्याएं उत्पन्न होंगी, समाप्त होंगी,पुन: उत्पन्न होगी। 1947 में भी देश की स्वतंत्रता प्राप्ति के साथ साथ भारी मारकाट हुई थी ।इसका इतिहास साक्षी है।
प्रत्येक 18 वर्ष के अंतराल में जब भी राहु वृषभ राशि में आता है ,देश के लिए विनाशकारी होता है । चाहे 1965 हो ।चाहे 1983- 84 हो चाहे 2002 हो और चाहे 2020-21 हो। 2020 में गत वर्ष मकर राशि में शनि और बृहस्पति का तामसी योग ने भी जनता को बहुत व्याकुल किया था।
विश्व को कोरोनावायरस जैसी भयानक महामारी दी। और अभी भी शनि मकर राशि में चल रहे हैं ।लेकिन उससे भी अशुभ योग वृष राशि में राहु का होना भी है जिसने इस समय भारतवर्ष को बहुत चुनौतीपूर्ण स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। वृषभ का राहु भारत की जन्मकुंडली को विशेष प्रभावित कर रहा है। जब जब वृषभ राशि में लग्न में राहु होता है
तो वह अपने से पंचम और नवम भाव को देखता है ।पंचम भाव सत्ताधारी राष्ट्रीय दल के जनादेश का और नवम भाव शासक के आत्मबल का होता है । यह स्थिति दोनों के लिए ही अच्छी नहीं होती है। वृषभ राशि में राहु अप्रैल 2022 तक विचरण करेंगे । अगस्त 2021 से राहु रोहिणी नक्षत्र में आकर इस महामारी पर विराम भी लगाएंगे।
किंतु देश की राजनीति में षड्यंत्रकारी घटनाएं घटने के बहुत अधिक योग हैं । अप्रैल 2022 तक वैश्विक और देश के सत्ता विरोधी लोगों के द्वारा सत्ता पक्ष के विरुद्ध भ्रामक प्रचार किया जाएगा। उनको सत्ताच्युत करने के लिए तरह तरह के षड्यंत्र रचे जाएंगे।
वर्तमान में 15 अगस्त 1947 की जन्म कुंडली के अनुसार 5 दिसंबर 2019 से 6 जुलाई 2021 तक है चंद्रमा में शनि की अंतर्दशा चल रही है ,जो विष योग बनाती है ।इसके चलते महामारी का प्रकोप, रक्तरंजित राजनीति ,सरकार विरोधी षड्यंत्र लगातार चलते रहेंगे। जनता को बरगलाकर राष्ट्र विरोधी ताकतें अपना लक्ष्य साधने की कोशिश करेंगी।
किंतु देश के प्रधानमंत्री मोदी की वृश्चिक राशि है, वृश्चिक ही लग्न है। उनका इस समय शनि पराक्रम भाव में विराजमान है । इसलिए यह देश और सत्ता पक्ष के लिए के लिए विशेष अशुभ है। किंतु पराक्रम भाव में शनि का होने से सत्ता पक्ष विपक्षी कुचक्रों से निकलकर पुनः अपना विश्वास हासिल करेगा। किंतु वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल होने से और प्रधानमंत्री का पंचमेश अति शुभ होने से विदेशी षड्यंत्रकारी अथवा विपक्ष के तथाकथित राजनेता उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का प्रयास तो करेंगे। लेकिन बिगाड़ कुछ नहीं पाएंगे।
कोरोनावायरस महामारी का योग विशेष रुप से जुलाई तक दिखाई दे रहा है ।यद्यपि मई के अंत से धीरे धीरे कोरोना के केसों में कमी आएगी और जुलाई के आते आते कोरोना में केसों में भारी गिरावट आ जाएगी ।जैसा कि समाचार पत्रों में ,टीवी चैनलों में बताया जा रहा है कि सितंबर में कोरोना की तीसरी लहर आएगी । तथा यह लहर अब तक लहरों से कई गुना बड़ी होगी।ग्रहों के अनुसार तो ऐसा कदापि नहीं होगा। हां देश में अवश्य उपद्रव, आगजनी, मारकाट, प्राकृतिक आपदाएं आने की पर्याप्त संभावनाएं है।
पंडित शिवकुमार शर्मा- आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिषाचार्य।