Friday, November 22, 2024
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होमआलेखमहामारी को लेकर जनविद्रोह के आसार:सत्यपाल चौधरी

महामारी को लेकर जनविद्रोह के आसार:सत्यपाल चौधरी

मोदी की प्राथमिकता सेंट्रल विस्टा है,महामारी तो अवसर है
जनसागर टुडे संवाददाता

भारत में महामारी के मामले में मोदी के रवैये को लेकर भारतीय जन मानस में बेहद गुस्सा है, यह गुस्सा जनविद्रोह में भी तब्दील हो सकता है। मोदी की हरकतों को लेकर न केवल भारत बल्कि विदेशो में भी देश की साख गिरी है। लोग विश्व गुरु के टाईटल का मजाक उड़ाने से लेकर ट्वीटर पर मोदी के इस्तीफे की मांग का ट्रैंड चला रहे हैं।

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के पूर्व अनुमान के बावजूद मोदी ने डैमेज कंट्रोल के बजाय बंगाल में 70-80 विधान सभा सीट जीतने पर इतना जोर लगाया कि बंगाल में मंत्रियों और मुख्य मंत्रियों की फौज उतार कर लाखो की भीड इकट्ठी की, चुनाव को हिन्दू मुस्लिम का रँग देने के लिये बंग्ला देश का दौरा किया और हिन्दुत्व उभार कर वोट हथियाने की ललक में हरिद्वार में एक साल पहले ही कुम्भ का आयोजन करवा डाला और वहां भी लाखो की भीड़ जमा कराई।

महामारी से चिंतित भारतीयों और गैर भारतीयों द्वारा कुम्भ खत्म करने की मांग पर बेहद शातिराना अंदाज में कुम्भ खत्म करने की अपील कर हिन्दू मत दाताओ में इसके ध्रुवीकरण की कोशिश की। बहरहाल चुनाव खत्म होते होते मोदी आम अवाम के निशाने पर आ गए। ओक्सिजन की कमी, अस्पताल, मेडिकल अरेंजमेंट, वेंटिलेटर आदि व्यवस्थाओ पर सवाल तीखे होते गए लेकिन मोदी लफ्फाजी में लगे रहे,

किसी हेल्थ फंड की व्यवस्था,अस्पतालो का दौरा, वेंटिलेटर और ओक्सिजन की व्यवस्था, ग्रामीण स्तर पर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र को चुस्त दुरुस्त करने और झोला छाप चिकित्सको की सहायता लेने के ठोस उपाय करने के बजाय मोदी खेती कानूनो को लेकर धरनों पर बैठे किसानो का आन्दोलन खत्म कराने, पी एम केयर में चंदा लेने, विदेशी सहायता के ओक्सिजन टैंकरो पर रिलायंस के होर्डिग लगवाने और मुख्य मंत्रियों को फ़ोन करके वाह वाही लूटने में लगे रहे।

महामारी में लोगो की मदद करने के सलीके देखिये कि दवाओ पर मोदी जी एस टी वसूलते रहे और फ़्री टीकाकरण,एम्बुलेंस व अन्य राहत पहुंचाने की बजाय उनके रेट घोषित करते रहे। लोगों ने आवाज उठाई कि जनता की जान ज्यादा कीमती है या सेंट्रल विस्टा और पीएम आवास में साढे तेरह हजार करोड़ की फिजूल खर्ची? पिछ्ले कोरोना काल में अपने लिये 8500 करोड़ का निजी विमान खरीदने वाले मोदी ने सेंट्रल विस्टा के निर्माण पर रोक से इन्कार कर दिया।

महामारी को रोकने की तो कोई डेड लाईन घोषित नही हुई लेकिन सेंट्रल विस्टा के निर्माण पूरा करने की डेड लाईन जरुर घोषित कर दी। महामारी के अवसर का फायदा उठाने की मोदी की हरकत देखिये कि महामारी को लेकर हाई लेवल मिटिंग बुलाई और उस मिटिंग में idbi बैंक को बेचने का निर्णय ले लिया गया। इन सब हरकतों को जनता ने तो नोटिस में लिया ही दुनिया भर के पांच टॉप मीडिया हाऊस ने मोदी को उनकी हरकतों के लिये जमकर लताड़ा।(लेखक आजाद समाज पार्टी,भीम आर्मी के प्रवक्ता हैं)

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