कोरोना संक्रमण के चलते कृषि कार्य भी बंद हैं : अमरजीत सिंह बिड़ड़ी
चार वर्ष में ही प्रदेश का हाल बदहाल करने वाली भाजपा सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है
जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय सचिव चौधरी तेजपाल सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री जी की अदूरदर्शिता और समय पर निर्णय लेने की अक्षमता के चलते प्रदेश में हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। राजधानी और महानगरों में उसका सारा ध्यान है फिर भी हालत बेकाबू हैं। ऐसे में गांवो के लाखों ग्रामीणों को उनके अपने भाग्य के भरोसे छोड़ दिया गया है।
वहां की बद्तर होती जिंदगी पर किसी का ध्यान नहीं दिया।इसी क्रम में मोदीनगर गन्ना विकास परिषद के चेयरमैन एवं वरिष्ठ रालोद नेता चेयरमैन अमरजीत सिंह बिड़ड़ी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एक लाख गॉव हैं जहाँ 70 प्रतिशत आबादी रहती है। 24 करोड़ की जनसंख्या वाला यह सबसे बड़ा राज्य है। गतवर्ष कोरोना संक्रमण में लॉकडाउन के दौरान पलायन की विकट स्थिति पैदा हुई। पलायन के दौर में श्रमिकों को अमानवीय स्थितियों से गुजरना पड़ा और कईयों की जानें भी चली गई।
आज फिर बड़ी संख्या में लोग गांवों में लौट रहे हैं। समस्या यह है कि जब गांवों में भीड़ बढ़ रही है, न तो वहाँ जाँच और इलाज की व्यवस्था है और न ही रोटी-रोजगार की व्यवस्था है। कोरोना संक्रमण के चलते कृषि कार्य भी बंद हैं।मुख्यमंत्री जी की बयानबाजी अपनी जगह पर वास्तविकता यह है कि गेहूँ खरीद बंद है। किसान बेहाल है। क्रय केंद्र पर ताले लटके हुए हैं। सरकारी केंद्र नहीं, बिचौलिए गेहूँ खरीद रहे हैं, वह भी औने पौने दाम पर। सरकार द्वारा गेहूँ का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1975/- प्रति कुंतल रखा गया है पर वह किसान को मिलता होता तो वह आंदोलन क्यों करता?
जमीनी हकीकत यह है कि किसान के सामने मौत को गले लगाने के अलावा दूसरा कोई रास्ता नहीं बचा है। बाहर से आए सगेस म्बन्धियों के रहने खाने का उसे इंतजाम करने में लाले पड़ रहे हैं। उसके धान की खरीद भी सरकारी अव्यवस्थाओं की भेंट चढ़ गई है।
अब खुद उसके दिन मुसीबत में काट रहें हैं। चौधरी तेजपाल सिंह एवं चेयरमैन अमरजीत सिंह ने कहा कि भाजपा सरकार को सिर्फ चुनाव और सत्ता के खेल खेलना ही आता है। प्रबंधन तथा प्रशासन उसके बस का नहीं है। मुख्यमंत्री जी को अपनी अकर्णयता को स्वीकारते हुए हट जाना चाहिए। इससे रोज संक्रमण में जिंदगी हारते लोगों को राहत तो मिलती। चार वर्ष में ही प्रदेश का हाल बदहाल करने वाली भाजपा सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं रह गया है।