जनसागर टुडे संवाददाता
बहुत बड़ी विडंबना है कि जब किसी परिवार का कोई व्यक्ति किसी अस्पताल में भर्ती होता है। और वो प्राइवेट पेशेंट होता ही जो की किसी सरकारी पैनल या मेडिक्लेम से नही होता तो अस्पताल उससे CGHS व MEDICLAIM तथा अन्य सरकारी दरों के मुकाबले कई गुना राशि का बिल लेते है।
यहां तक कि कमरे के प्रकार व वार्ड के अनुसार एक ही प्रकार के इलाज के भी अलग अलग रेट होते है हर अस्पताल में एक ही ईलाज के लिए विभिन्न प्रकार के रेट होते है जोकि पूर्णतः अनुचित है, दोहरी रेट लिस्ट को बंद किया जाना चाहिए वैसे तो आज अच्छा इलाज मिलना ही मुश्किल हो रहा है।
तथा आम नागरिक बीमारी के समय वैसे ही बहुत परेशान होता है कई बार तो कर्जे लेकर, संपत्ति व गहने बेचकर तक इलाज करवाया जाता है उसमे भी अस्पतालो की ये लूट आर्थिक व मानसिक उत्पीड़न करती है अतः आम नागरिक को भी इलाज निशुल्क या फिर अधिकतम सरकारी दर पर अनिवार्य रूप से मिलना चाहिए, इलाज ना करने वाले या लापरवाही बरतने वाले से मुलजिमों जैसा व्यवहार होना चाहिए सभी चिकित्सीय सुविधाएं अनिवार्य रूप से अधिकतम सरकारी रेट पर मिलनी चाहिए।
अतः मेरी मांग है की निशुल्क या अधिकतम सरकारी दर पर इलाज का अधिकार मौलिक अधिकार होना चाहिए। अतः मुझे आपका साथ और समर्थन चाहिए इसके लिए अभी हमे इस आंदोलन को बहुत बड़ा करना होगा, इसके लिए कृपया इस आंदोलन के हमारे संदेश को अपने परिचय के अधिकतर लोगो तक भेजकर इसे बड़ा जन आंदोलन बनाने में मदद करे जिससे सभी को इसका लाभ मिल सके, धन्यवाद ।
रजनीश बंसल