जनसागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी पिंटू यादव ने रविवार को अपने विचार रखते हुए कहा कि कोविड-19 के दौरान यह देखने में आ गया कि बिना समुचित इलाज व्यवस्था के लोग मरने पर मजबूर हैं और उससे भी ज्यादा परेशानी अस्पतालों में इलाज न मिलने से है।
संविधान मैं संशोधन कर आम नागरिकों के लिए शिक्षा न्याय और चिकित्सा मूलभूत अधिकार के रूप में शामिल करते हुए प्राइवेट व सरकारी अस्पतालों में इसे मुफ्त कर देना चाहिए ताकि कोरोना जैसी महामारी आमजन को लील न सके प्राइवेट चिकित्सा में आने वाले खर्च को सरकार मेडिक्लेम पॉलिसी के द्वारा विभिन्न कंपनियों द्वारा उठाए जाने वाले खर्च को सरकार किस्त के रूप में अदा करें। आज महामारी के चक्कर में अर्थव्यवस्था चैपट हो चुकी है|
तथा लोगों के पास कोई काम या रोजगार नहीं है उद्योग धंधे बंद होने के कगार पर है तथा शिक्षा के नाम पर खोले गए प्राइवेट स्कूल भी मृतप्राय हो चुके हैं क्योंकि उन्हें अभिभावकों से फीस प्राप्त नहीं हो रही है जिससे वह अपने बिल्डिंग पर लिए हुए कर्ज की किस्त अदा कर सकें और अपने शिक्षकों कर्मचारियों को वेतन देने के लाले पड़ रहे हैं।
भविष्य मेंऔर भी परेशानी झेलनी पड़ सकती है अतः केंद्र सरकार से आग्रह है यह संविधान में संशोधन कर चिकित्सा शिक्षा एवं कानूनी सहायता मुफ्त में उपलब्ध कराई जाए। बीमार होने पर इस बार लोगों को भारी आर्थिक हानि उठानी पड़ रही है जो उनके बूते से बाहर है।
लगातार चलने वाले लॉकडाउन के कारण सभी व्यवस्थाएं ठप हो गई हैं तथा आम जनता को राहत प्रदान करने हेतु सरकार यह बिल संसद में पास कर कानून बना सकती है जिसकी आज महती आवश्यकता है। महामहिम राष्ट्रपति जी और माननीय प्रधानमंत्री से मेरा आग्रह है कि कैबिनेट प्रस्ताव के माध्यम से अध्यादेश जारी कर कृतार्थ करें।