Monday, November 25, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमआलेखभारतीय सेना के प्रथम चीफ कमांडर को नियुक्त करने के लिए एक...

भारतीय सेना के प्रथम चीफ कमांडर को नियुक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मीटिंग का आयोजित हुई 

जनसागर टुडे संवाददाता

हमें भारतीय सेना पर हमेशा से ही गर्व रहा है क्योंकि भारतीय सेना में ऐसे लाखों नायक है जो हमेशा देश के लिए प्राण न्योछावर करने तैयार रहते है| आज एक नायक  की  कहानी जिनकी बदौलत भारतीय सेना की कमान ब्रिटिश हाथों में जाने से बच गई:भारत की आजादी के बाद भारतीय सेना के प्रथम चीफ कमांडर को नियुक्त करने के लिए एक महत्वपूर्ण मीटिंग का आयोजित हुई जिसमें प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु के अलावा देश के गणमान्य लोग उपस्थित थे|प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु ने कहा – “मुझे लगता है कि हमारे पास अधिक अनुभव नहीं है इसलिए हमें किसी ब्रिटिश अधिकारी को भारतीय सेना का चीफ कमांडर बनाना चाहिए”सभी लोग प्रधानमंत्री के इस सुझाव से सहमत थे तभी एक व्यक्ति ने कहा – “श्रीमान मुझे एक बात कहनी है|”नेहरु ने कहा – “जरूर! आप अपनी बात कहने के लिए स्वतन्त्र है|”उस व्यक्ति ने कहा – “सर आप जानते है कि हमारे पास देश का नेतृत्व करने के लिए पर्याप्त अनुभव नहीं इसलिए क्यों न हमें किसी ब्रिटिश व्यक्ति को इस देश का प्रधानमंत्री बना देना चाहिए?”उस व्यक्ति की बात सुनकर मीटिंग में सन्नाटा छा गया|तभी नेहरु जी ने उनसे कहा – “क्या आप इस देश के सेना प्रमुख बनना चाहेंगे”उस व्यक्ति के पास भारतीय सेना का प्रमुख बनने का अच्छा अवसर था लेकिन उन्होंने यह अवसर ठुकरा दिया और कहा –“सर हमारे देश में बहुत अच्छे ऑफिसर है, मेरे सीनियर के. एम. करिअप्पा(Field Marshal K M Carriappa) हम में से सबसे योग्य अधिकारी है|भरी मीटिंग में प्रधानमंत्री के सामने आवाज उठाने वाले वह निर्भीक जाबांज व्यक्ति लेफ्टिनेंट जनरल नाथू सिंह राठौड((Lt. General Nathu Singh Rathore)) थे|

हिमाँशु  मित्तल एडवोकेट,पार्षद
- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img