जनसागर टुडे संवाददाता
एक बार श्रीकृष्ण बहुत बीमार हो गए थे। कृष्ण ने कहा कि अगर उनको उनके किसी प्रेमी या सच्चे भक्त द्वारा चरणामृत मिलेगा, तो वह ठीक हो जाएगें। सभी गोपीयों से पूछा गया, लेकिन उन्होंने इस प्रस्ताव से भयभीत हो कर स्वीकार नहीं किया । उन्होंने कहा कि वे अपने चरणों का जल श्रीकृष्ण को पिलाकर पाप नहीं कर सकती।जब राधा को जब इस स्थिति के बारे में पता चला, तो राधे ने कहा: “जितने चरणामृत की ज़रूरत है आप उतना ले सकते है। मुझे तब तक सुख नहीं मिलेगा, जब तक मेरे प्रभु अपने दर्द और बीमारी से मुक्त नहीं हो जाते।” राधा ने सहृदय प्रेम के साथ चरणामृत दिया। यह भी एक कारण है तथा यह माना जाता है कि अपने चरणों से चरणामृत देने के कारण ही राधा भगवान कृष्ण से विवाह नहीं कर सकी। राधा कृष्ण को उनके दिल से आंतरिक रूप से प्रेम करती थी लेकिन फिर भी उन्होंने श्रीकृष्ण को उनकी बीमारी से बचाने के लिए कृष्ण को चरणामृत दिया।राधा और कृष्ण दिव्य प्राणियों में से एक थे और उनका प्यार अनन्त था। चाहे वे शादी करते या नहीं, उनके प्यार ने उन्हें हमेशा के लिए एकजुट कर दिया और आज भी लोग उनकी पूजा करते हैं।