जन सागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं समाजसेवी विजय चौधरी ने कहा कि जनपद गाजियाबाद में तीन एमएलए दो एमएलसी एक राज्य मंत्री एक कैबिनेट मंत्री भारत सरकार एक राज्य सभा एमपी होने के बावजूद भी शहर के स्वास्थ सेवा बिल्कुल ठप हो चुकी हैं। जबकि राज्य के अंदर जो राज्य मंत्री है वह स्वास्थ्य मंत्री हैं।
उसके बावजूद भी चाहे आप अस्पताल को देख लीजिए या पूरे मेडिकल सिस्टम को देख लीजिए जो कि नाम मात्र का ही बचा है। सरकार ने कोविड-19 कॉल सेंटर बनाए हैं लेकिन उनमें कोई फोन ही नहीं उठाता है और अगर फोन उठ भी जाए तो बेड नहीं है।
यह स्थिति देखकर मुझे अपने आप में बहुत ग्लानि महसूस होती है और जनपद की जनता के बारे में विचार आता है कि जिन लोगों के सामने यह कल तक हाथ जोड़े खड़े हुए थे। वोट मांगने के लिए आज यह लोग ना तो फोन उठा रहे हैं। ना किसी आदमी की मदद कर रहे हैं।
कहां गए यह लोग क्या इसी दिन के लिए लोगों ने इनको वोट दिया था। चाहे आप नगर निगम की बात कर ली जाए। उस पर भी इन्हीं लोगों का कब्जा है। मेयर भी इन्हीं लोगों का है और इस संकट की घड़ी में सब नदारद है। ऐसा लग रहा है
कि शहर में कμर्यू बाद में पहले इन लोगों के फोन और घर और कार्यालय में कर्फ्यू लग गया है। जनता को छोड़ दिया गया है मरने के लिए। सड़कों पर चारों तरफ हाहाकार है। ब्लैक मार्केटिंग की कैसी दशा की ऑक्सीजन सिलेंडर बिक रहा है। 20000 रुपये में रेमडेसिविर इंजेक्शन सीमित दवाई की भी ब्लैक मार्केटिंग हो रही है। 40-50 हजार में बेचा जा रहा है।
कहां है कानून व्यवस्था। क्यों नहीं ब्लैक मार्केटिंग करने वालों को गिरμतार करके तुरंत जेल भेजते। कहां है भारत सरकार के केंद्रीय मंत्री वीके सिंह। मेरे शहर के लोगों का दिल तो देखिए कितना बड़ा दिल है कि बाहर से आए हुए लोगों को भी एमपी बनवा देते हैं और छोटी मोटी वोट से नहीं इतनी बड़ी वोटों से जो अपने आप में रिकॉर्ड होता है
और आज जब उन्हीं जनपद वासियों पर संकट आया तो यह लोग नदारद हैं। किसी की मदद नहीं हो पा रही है। शर्म आनी चाहिए इन लोगों को मेडिकल सिस्टम तो आप लोगों ने पूरा खत्म कर दिया है। कम से कम जो ब्लैक मार्केटिंग हो रही है उस पर तो अंकुश लगाइए।