मोर्चरी में पड़े महिला के लावारिस शव को कुतर गए चीटियां और चूहे
आजमगढ़ । यह पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही की इंतेहा है । एक महिला का लावारिस लाश मोर्चरी में चार दिन तक यूं ही पड़ी रही । पुलिस ने न तो पोस्टमार्टम कराया और न ही स्वास्थ्य विभाग ने शव की सुध ली । नतीजा , चीटियां और चूहे शव का अधिकांश भाग चट कर गए । दुर्गंध आने पर मंगलवार को इसका पता चला ।
उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ के बलरामपुर मंडलीय अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक 29 अप्रैल की शाम बिलरियागंज में सड़क पर घायल अवस्था में मिली 32 वर्षीय अज्ञात महिला को 108 नंबर की एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शाम पांच बजे मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था ।
अगले दिन 30 अप्रैल की सुबह उसकी मौत हो गई तो कर्मचारियों ने शव मोर्चरी में रखवा दिया ।
अस्पताल के रिकॉर्ड के मुताबिक 29 अप्रैल की शाम बिलरियागंज में सड़क पर घायल अवस्था में मिली अज्ञात महिला ( 32 ) को 108 नंबर की एंबुलेंस के कर्मचारियों ने शाम पांच बजे मंडलीय अस्पताल में भर्ती कराया था ।
अगले दिन 30 अप्रैल की सुबह उसकी मौत हो गई तो कर्मचारियों ने शव मोर्चरी में रखवा दिया । साथ ही शव के शिनाख्त व पोस्टमार्टम की प्रक्रिया के लिए पुलिस को सूचना भेज दी । लेकिन स्वास्थ्य व पुलिस विभाग दोनों की लापरवाही के चलते न तो शव की शिनाख्त हो सकी , न ही पोस्टमार्टम कराया गया ।
बता दें कि मंडलीय अस्पताल परिसर में आधुनिक पोस्टमार्टम हाउस बनवाया गया है ।
शवों को रखने के लिए यहां फ्रीजर भी लगवाया गया है । लेकिन विभागीय लापरवाही के चलते वो खराब पड़ा है । जिसके कारण शवों को बाहर ही रखना पड़ता है । यह मुद्दा कई बार उठा लेकिन इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई ।
सीएमओ डॉ . एके मिश्र ने बताया कि मोर्चरी मेरी देखरेख में ही आती है । अभी घटना मेरी जानकारी में नहीं है । मेरे पास दूसरे भी कई काम हैं । यह काम पुलिस का भी है । सूचना दी गई तो पुलिस को पोस्टमार्टम कराना चाहिए था ।
इस बारे में फार्मासिस्ट से जानकारी लूंगा । वहीं , बलरामपुर चौकी प्रभारी अनिल मिश्रा का कहना है कि जिला अस्पताल में मरीज की मौत होने पर मेमो कोतवाली भेजा जाता है । वहां से ही ड्यूटी निर्धारित कर पोस्टमार्टम कराया जाता है । हमेशा होता भी रहा है , चूक कैसे हुई कहना मुश्किल है । शव का पोस्टमार्टम बुधवार को कराया जाएगा ।