जनसागर टुडे संवाददाता
हम सभी बेवकूफो से के हम क्यू आज बैड ना मिलने के कारण या ऑक्सीजन के लिए लड़ रहे है। हमने हॉस्पिटल मांगे ही कब थे हम तो मंदिर मस्जिद पर लड़ते रहे और इन्ही पर खुशी मनाकर पटाखे फोड़ते रहे। अरबो का चंदा उन मंदिर मस्जिद बनवाने में जो आज बंद पड़े है। क्या कभी हमने अस्पतालो के लिए घर घर जाकर चंदा एकत्रित किया आज ऑक्सीजन की कमी से लाखो मर चुके है और करोड़ो का जीवन दाव पर है
एक प्रधान नेता ने हर कीमत पर एक राज्य की सत्ता पाने के लिए देश की जनता को गर्त में झोंक दिया और जब लाखो जाने चली गई तब उन्हे याद आ रहा है की देश के पास तो पर्याप्त ऑक्सीजन प्लांट ही नहीं है,अस्पतालों की कमी है, वेनटीलेटरो का अभाव है, दवाईयो का अभाव है और तो और देश इस दुर्दशा में है के शमशान घाटो पर प्लेट फार्मो का अत्यधिक अभाव हो चला है जन्म से ज्यादा मृत्यू दर बढ़ती जा रही है
आम जन तड़प तड़प कर मर रहा है और अपनी आखों से अपनो का साथ छूटते देख रहा है और खुद को रो रो कर कुछ ना कर पाने के कारण कोस रहा है संवेदनाए बिलख रही है, मानवता रोने को मजबूर है और दूसरी तरफ मानव रूपी कुछ लालची राक्षस गिद्ध बन हर जरूरी चीज पर ब्लैक मेलिंग कर तड़पती जनता को लीलते जा रहे है।