Saturday, November 23, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमNCRगाजियाबादकोविड-19 ने भारत में मचाया चारों तरफ हाहाकार

कोविड-19 ने भारत में मचाया चारों तरफ हाहाकार

ना हवा, ना दवा, ना बैड, ना इलाज, चारों तरफ लम्बी कतारों के बीच चीख-पुकार : अजय जैन
जनसागर टुडे संवाददाता

गाजियाबाद। पिछले वर्ष की तुलना में इस बार भारत में कोविड-19 महामारी भयंकर रूप लेकर आई है। इसके पीछे आम जनता सरकारी तंत्र को जिम्मेदार मान रही है। लेकिन आम जनता भी पूर्णतया इसके लिए दोषी है क्योंकि अगर सरकारी तंत्र लापरवाही बरतता है तो जनता को जागरूक रहकर उसका विरोध करना चाहिए तथा कोरोना महामारी के नियमों का पालन करते हुए इस प्रकार की गतिविधियों से दूर रहना चाहिए।

आम जनता का कहना है कि सरकार को कुंभ का शाही स्नान को पूर्णत: बंद करना चाहिए था तथा उत्तर प्रदेश में सम्पन्न हुए ग्राम पंचायत चुनाव व बंगाल के विधानसभा चुनाव को टाल देना चाहिए था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ इसमें सबसे ज्यादा कोविड का प्रभाव कुंभ स्नान से और ग्राम पंचायत चुनाव से उत्तर प्रदेश में फैला। पिछले वर्ष उत्तर प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या बहुत कम थी।

वहीं इस बार इस समय भारत में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है तथा प्रदेश में चिकित्सा सुविधाएं, ऑक्सीजन, बैड,दवा आदि की आपूर्ति पूरी तरह से नहीं हो पा रही है। चिकित्सा के अभाव में कोरोना के मरीज आए दिन सैंकड़ों की संख्या में दम तोड़ रहे हैं। अस्पतालों की स्थिति अगर देखी जाए तो सरकार द्वारा कोविड का अस्पताल बना दिया गया बेडों की संख्या कई गुना कर दी गई लेकिन वहां पर नर्सों व डाक्टरों की भारी कमी। अस्पतालों में दवाईयों की आपूर्ति नहीं हो पा रही है तथा अस्पताल प्रबंधक मरीजों से इंजेक्शन और दवा की व्यवस्था करने के लिए कह रहे हैं

लेकिन बाजार में कालाबाजारी के चलते ना इंजेक्शन मिल रहे हैं, ना दवाईयां मिल पा रही हैं रेमीडिसिवर का इंजेक्शन 10 हजार से लेकर 1 लाख रूपए तक बाजार में बड़ी मुश्किल से मिल रहा है। सरकार ने छापेमारी करके कई लोगों को गिरफ्तार भी किया है। कोटद्वार में एक नकली इंजेक्शन बनाने की फैक्ट्री भी पकड़ी गई। इतना सब होते हुए भी बाजार में कालाबाजारी बंद नहीं है। वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर को देखा जाए तो बाजार में ऑक्सीजन सिलेंडर 65 हजार रूपए तक का बिक रहा है

जबकि सरकार दावा कर रही है कि उनके पास ऑक्सीजन की पूर्ण मात्रा है। जगह-जगह उन्होंने सरकारी तंत्रों को लगा रखा है उन सबके बावजूद तमाम मरीज आक्सीजन के अभाव में दम तोड़ते नजर आ रहे हैं। यह कैसा विकराल रूप है। ना दवा का इंतजाम हो रहा है, ना ऑक्सीजन का, ना बेड का इंतजाम हो पा रहा है।

चारों तरफ लंबी-लंबी लाइनें लगी हैं। अस्पतालों में बेड नहीं है, दवा नहीं, ऑक्सीजन नहीं है। मरीज जाए तो कहां जाए। घर पर भी लोग ऑक्सीजन का इंतजाम नहीं कर पा रहे हैं। पूंजीपतियों ने ऑक्सीजन कंसनट्रेटर, ऑक्सीजन, दवाएं खरीदकर इस माहमारी से बचने की कोशिश की है। वहीं गरीब आदमी आखिर करे तो क्या करे। ना लोगों को सही प्रकार से टेस्ट हो पा रहे हैं ना ही जांच हो पा रही है। ऐसे में आम जनता सरकार की तरफ भीगी पलकें बिछाए कुछ सहायता के लिए देख रही है।

वहीं सरकार देश ही नहीं विदेशों से भी ऑक्सीजन एवं जीवन रक्षक दवाएं कंसनटे्रटर, टेंकर आदि की व्यवस्था में लगी हुई है। अगर श्मशान घाट की बात की जाए तो लोगों को कोरोना की बॉडी का अंतिम संस्कार कराने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। कोरोना ही नहीं सामान्य शवों के अंतिम संस्कार के लिए भी उन्हें कई-कई घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है। कई बार तो दूसरे दिन अंतिम संस्कार का नंबर आ रहा है।

ऐसी परिस्थिति में जिसको जहां जगह मिल रही है वह अपने परिजन का अंतिम संस्कार वहीं पर कर रहा है। अब तो गांवों में भी स्थिति धीरे-धीरे भयावह हो रही है। कुल मिलाकर अगर देखा जाए तो देश के हालात इस समय चिकित्सा सुविधाओं को लेकर अच्छे नहीं हैं। प्रतिदिन अनेकों परिजनों की मृत्यु का समाचार लोगों को गमगीन कर रहा है।

वहीं सरकारी आंकड़े कुछ का कुछ दर्शा रहे हैं तथा आंकड़ों का खेल खेल रहे हैं। आम जनता सरकारों से मांग करती है कि सरकार बाकी सब छोडक़र पीडि़तों का उपचार कराने के लिए जितने अधिक से अधिक प्रयत्न हो सके वो कराए जाएं साथ ही सरकारी तंत्रों को आदेश दिया जाए कि वह अपने कार्य को सही ढंग से संचालित करे।

क्योंकि अस्पतालों में मरीजों के साथ सामान्य व्यवहार नहीं हो रहा है ना ही मरीजों के परिजनों को सही जानकारी दी जा रही है। सरकार द्वारा अस्पतालों को जीवन रक्षक दवाईयां व इंजेक्शन पर्याप्त मात्रा में दिए जा रहे हैं फिर भी अस्तपाल मरीजों के परिचायकों से जीवन रक्षक दवाईयां लाने के लिए विवश कर रहा है। इसकी सही प्रकार से सरकार को जांच करवानी चाहिए कि आखिर ये दवाएं व इंजेक्शन आखिर जा तो कहां जा रहे हैं।

जिस प्रकार से अभी दो दिन पहले एम्स के रिटायर्ड न्यूरो सर्जन मौहम्मद अल्तमस को पुलिस ने जीवन रक्षक इंजेक्शन रेमीडिसीवर व 36 लाख 10 हजार के साथ पकड़ा यह सब अस्पतालों की मिलीभगत से ही संभव हो रहा है। आम जनता सरकार से मांग करती है कि कालाबाजारी करने वालों के खिलाफ जो भी कठोर से कठोर कार्रवाई हो सकती है सरकार को करनी चाहिए।
हम सभी जनमानस आम जनता से प्रार्थना करते हैं

कि जब तक कोई आवश्यक कार्य ना हो घर के बाहर ना निकलें तथा डबल मास्क व दो गज की दूरी बनाकर कार्य करें। क्योंकि जान है तो जहान है इस बात को जानते हुए पैसे के पीछे ना भागे तथा एक-दूसरे का जितना भी सहयोग जिस प्रकार से हो सकता है करना चाहिए। तभी हम लोग इस महामारी से निजात पा सकते हैं।

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img