Sunday, November 24, 2024
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कोरोना काल में लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही टेलीमेडिसिन सेवा : डा.ललिल मोहन जौहरी

जनसागर टुडे : धीरेन्द्र अवाना

नोएडा । कोविड की दूसरी लहर में जब जनपद के चिकित्सालयों में बेड नहीं मिल रहे हैं, ऑक्सीजन की उपलब्धता नहीं है, ऐसे में होमआइसोलेशन ही बेहतर विकल्प है। गंभीर मामलों को छोड़ कर ज्यादातर लोग घर रहकर ही इलाज करा सकते हैं। होमआइसोलेशन के दौरान बेहतर परामर्श और इलाज मिल सके, इसके लिए आयुष विभाग के निर्देश पर होम्योपैथिक विभाग द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से टेलीमेडिसिन के माध्यम से उपचार उपलब्ध कराया जा रहा है।

लक्षणों के आधार पर इस पद्धति में सभी बीमारियों का बेहतरीन उपचार संभव है।कोरोना काल में टेलीमेडिसिन लोगों के लिए संजीवनी साबित हो रही है।
जिला होम्योपैथिक चिकित्सा अधिकारी डा. ललित मोहन जौहरी ने बताया विभाग द्वारा होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति से शुरू की गयी टेलीमेडिसिन सेवा एक अनूठी पहल है। इसमें अनुभवी वरिष्ठ होम्योपैथी चिकित्साधिकारी सुबह नौ बजे से शाम सात बजे तक अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

डा. जौहरी ने कहा कि होम्योपैथी लक्षणों पर आधारित चिकित्सा पद्धति है इसलिए टेलीमेडिसिन काफी कारगर है। रोजाना बदलते लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है। लोगों ने कोरोना काल में होम्योपैथी पर भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि होमआइसोलेशन के दौरान होम्योपैथी से उपचार कराने वालों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है और लोगों को लाभ भी हुआ है। लोग घर पर ही इलाज से ठीक हो रहे हैं।

डा. जौहरी ने बताया पिछलीवार आयुष मंत्रालय द्वारा निर्धारित गाइडलाइन के आधार पर विभाग की ओर से आर्सेनिक अल्बम-30 की सिफारिश की गयी थी। बड़ी संख्या में लोगों ने इसका सेवन किया और इसके बेहतरीन परिणाम सामने आये। जनपद में देखा गया था कि जिन लोगों ने इस दवा का नियमानुसार सेवन किया था वह काफी हद तक कोरोना से बचे रहे। इस बार मंत्रालय की ओर से होम्योपैथी पद्धति से अन्य बीमारियों के साथ-साथ कोरोना के रोगियों में पाए जाने वाले लक्षणों के उपचार की भी पहल सहयोगी दवाओं के रुप में की गयी है।

उन्होंने कहा कि होम्योपैथी में लक्षणों के आधार पर उपचार किया जाता है इसलिए वर्तमान में यह बहुत ही कारगर साबित हो रही है। इस पद्धति में फेफड़ों को संक्रमण से बचाने के साथ-साथ सभी वह दवा मौजूद हैं जो कोरोना रोगियों में पाए जा रहे लक्षणों में केस टेकिंग के आधार पर बहुत राहत पहुंचा रही हैं।
होम्योपैथी विधा की विशेष बात यह है कि जरूरी नहीं एक ही दवा हर रोगी को फायदा करे।

डा. जौहरी ने स्पष्ट किया कि बीमारी में होम्योपैथी की एक ही दवा सभी को नहीं दी जा सकती है। लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता है, इसलिए चिकित्सक की सलाह पर ही दवा का सेवन करें। एक मरीज को बतायी गयी दवा अपने हिसाब से दूसरे को न दें। जब टेलीमेडिसिन सेवा उपलब्ध है तो लक्षण बताकर उपचार का लाभ लें। रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है

आर्सेनिक अल्बम डा. जौहरी ने कहा कि आर्सेनिक अल्बम -30 शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाती है इसलिए इसको सभी को दिया जा सकता है। लोग अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के साथ कोरोना संक्रमण का मुकाबला करें और स्वस्थ रह सकें। उन्होंने कहा कि शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने पर किसी भी बीमारी से लड़ने की क्षमता मानसिक रूप से स्वत: विकसित हो जाती है।

कोविड19 के मामले में लोगों का जितना शारीरिक रूप से ताकतवर (रोग प्रतिरोधक क्षमता) होना जरूरी है उतना ही मानसिक रूप से भी मजबूत होना जरूरी है। यह दवा एक सैनिक की तरह रक्षा करती है। होम्योपैथी दवा के सेवन में समय अंतराल का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है।

आर्सेनिक एल्बम-30 का सेवन 21 दिनों बाद में लगातार तीन दिन ही करना है। इसे चिकित्सक द्वारा बतायी मात्रा में सुबह खाली पेट खाना होता है। दवा खाने के एक घंटे बाद ही कुछ खाएं, तभी यह दवा ज्यादा असरकारक होगी।

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