जनसागर टुडे संवाददाता : सुनील शर्मा
गाजियाबाद : सपा नेता सुनील शर्मा का कहना है कि आज की स्थिति पर आंखों से आंसू रुक नहीं रहे चारों तरफ दुख और दर्द है शहर का हर इंसान परेशान है भटक रहा है दर्द से कराह रहा है बेबस है देख रहा है अपने चुने हुए प्रतिनिधियों की तरह जो आज उसे कहीं दिखाई नहीं दे रहे मदद के हर दरवाजे बंद हो चुके हैं हर घर से मृत्यु के बाद का रूदन सुनाई दे रहा है घरों में लोग तड़प तड़प कर जान दे रहे हैं रो रहे हैं बिलख रहे हैं
किसको दोष दें किसको नहीं कुछ समझ नहीं आ रहा हर तरफ त्राहि-त्राहि मची हुई है केंद्र सरकार के मुखिया हो या राज्य सरकार के मुखिया सब ने बेशर्मी की चादर ओढ़ रखी है स्वास्थ्य अधिकारी हो या जिला प्रशासन के सब का रवैया नकारात्मक है जनता से संवाद का तरीका बिल्कुल अस्वीकार्य है
गाजियाबाद का दुर्भाग्य देखिए स्थानीय विधायक स्वास्थ्य राज्यमंत्री के पद पर आसीन हैं और शहर की दुर्दशा पर आंखें बंद कर कर बैठा है शर्म आनी चाहिए मंत्री जी थोड़ी सी भी नैतिकता बची है तो पद से इस्तीफा दे देना चाहिए आश्चर्य होता है स्थानीय सांसद पर किस प्रकार से सेना के प्रमुख का पदभार संभाला होगा जब समय आया अपने क्षेत्र की जनता की सेवा का तो गुमशुदा हो गए आपके अंदर भी अगर थोड़ी सी नैतिकता बची है
आपको भी इस्तीफा दे देना चाहिए भारत के प्रधानमंत्री मन की बात में लगे हुए हैं झूठ की चादर उन्होंने सब को उड़ा रखी है आज हमें ऑक्सीजन दवाइयां सारे मेडिकल फैसिलिटी ओं के लिए विश्व के सभी देशों के आगे हाथ फैलाने पढ़ रहे हैं क्या यही हम विश्व गुरु बनने की तरफ जा रहे हैं आप की नीतियों ने समाज का ताना-बाना छिन्न-भिन्न कर कर रख दिया है
ना ऑक्सीजन है ना दवाई है अस्पतालों में जगह है ना इलाज है अगर है तो चारों तरफ सिर्फ और सिर्फ मौत है गम है उदासी है रोष है इंसानियत मर चुकी है अब अभी भी समय है ठोस नीतियां बनाएं स्वास्थ्य नीति बनाएं मंदिर और मूर्तियां किसी के काम नहीं आएंगी ईश्वर भारतीयों के दिलों में निवास करता है मंदिर में नहीं अस्पताल चाहिए व्यवस्था चाहिए रोजगार चाहिए शिक्षा चाहिए दो वक्त की रोटी बस इतना ही चाहते हैं हम लोग अभी भी समय है सुधर जाइए नहीं तो आने वाला कल आपको कभी माफ नहीं करेगा