Saturday, November 23, 2024
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मिलिए कोरोना काल में लोगों की ज़िन्दगी बचाने के लिए संघर्ष करने वाले असल नायकों से

देश के अधिकाँश राज्यों में कोरोना महामारी विकराल रूप ले रही है। लोगों के अपने उनकी आँखों के सामने तड़प-तड़प कर मर रहे हैं। उत्तर प्रदेश के जनपद ग़ाज़ियाबाद में भी स्थिति दिन प्रतिदिन बिगड़ रही है। लोग एडमिट होने से लेकर ऑक्सिजन एवं दवाओं तक के लिए मिन्नतें कर रहे हैं। अस्पताल लेकर श्मशान तक हर जगह वेटिंग है।
रुपया, ताकत और ऊँची पहुँच भी किसी काम नही आ रही है। अगर कुछ काम आ रही है तो वो है इंसानियत। मानवता के नाते एक दूसरे की मदद को लोग आगे आ रहे हैं। पिछली बार कोरोना काल में बहुतायात में कोरोना यौद्धा के सर्टिफिकेट बाँटे गये थे। जिन्होंने किसी को एक गिलास पानी तक नही पिलाया,उनकी फेसबुक वॉल भी कोरोना यौद्धा के सर्टिफिकेट से रंगीन थी। इस बार कोरोना के विकराल रूप में सबको भयभीत कर दिया है। लेकिन कुछ लोग आज भी मरीजों की ज़िन्दगी बचाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हमेशा आलोचना का शिकार रहने वाले पत्रकार, डॉक्टर एवं अधिकारी हर स्तर पर मदद के लिए तत्पर नज़र आ रहे हैं। आइये जानते हैं ऐसे ही कोरोना से लड़ने वाले असल नायकों के बारे में….

अरुण चन्द्रा

मसूरी थाना क्षेत्र में डासना के बयाना गाँव के रहने वाले अरुण चन्द्रा पेशे से पत्रकार हैं। अरुण चन्द्रा अपनी बेबाक लेखनी से हमेशा अधिकारियों व नेताओं के निशाने पर भी रहते हैं। क्योंकि निष्पक्ष तरीके से जो सच लिखने का जुनून पत्रकार अरुण चन्द्रा के अंदर है वह आमतौर पर किसी पत्रकार में नहीं देखा जाता है। इसलिए चन्द्रा को एक विवादित नाम से भी जाना जाता है। पत्रकारों में अरुण चन्द्रा के सूत्र सबसे मजबूत माने जाते हैं। अरुण चन्द्रा का अलर्ट अफसरशाही नाम से मीडिया ग्रुप है। खबरों के लिए बनाया गया यह ग्रुप वर्तमान में लोगों की ज़िंदगियाँ बचाने के काम आ रहा है। ग्रुप में जुड़े पत्रकार, डॉक्टर एवं अधिकारी अपने स्तर पर लोगों की मदद कर रहे हैं। अरुण ने मरीजों के लिए ऑक्सीजन, दवाई से लेकर मरीजों के परिजनों के लिए खाने तक की व्यवस्था की है। सम्पर्क सूत्रों के द्वारा मदद के अलावा अरुण चन्द्रा ने स्वयं भी ऑक्सीजन सिलेंडर की रिफलिंग एवं उसमें लगने वाले सामान की व्यवस्था की है। अरुण चन्द्रा के प्रयासों को देखते हुये उन्हें कलयुग का हनुमान कहा जाए तो अतिशयोक्ति नही होगी।

जतिन गोस्वामी
थाना साहिबाबाद क्षेत्र में रहने वाले जतिन गोस्वामी का नाम जनपद के बड़े पत्रकारों में शुमार किया जाता है। जतिन पत्रकारों की गुटबाजी एवं विवादों से सदैव दूर रहते हैं। जतिन आमतौर पर तो ग्रुपों में कम ही एक्टिव रहते हैं। लेकिन कोरोना काल में लोगों की परेशानियों को दूर करने के लिए जतिन अलर्ट अफसरशाही ग्रुप में लगातार एक्टिव हैं। अपने सम्पर्क में आने वाले मरीजों की ग्रुप में अपडेट दे रहे हैं और स्वयं भी उनकी सहायता कर रहे हैं।

डॉ आशु

नगर कोतवाली क्षेत्र के इस्लामनगर में रहने वाले डॉ आशु नगर कोतवाली के कैला भट्टा में प्रेक्टिस करते हैं। व्यवहार कुशल एवं योग्य चिकित्सिक होने के कारण डॉ आशु के सम्पर्क लगभग सभी अस्पतालों से हैं। ग्रुप में मरीजों की डीटेल आने पर डॉ आशु ने अस्पतालों में फोन पर सम्पर्क करके बेड इत्यादि की सुविधा तुरन्त उपलब्ध कराई है। ऐसे समय में जब बहुत से डॉक्टर आपदा में अवसर तलाश कर रहे हैं, तब डॉ आशु लोगों के लिए देवदूत बन कर सामने आये हैं।

डॉ ईरज राजा

बात अगर अधिकारियों की करें तो अधिकारियों का रवैया बेहद निराशाजनक रहा है। अधिकारियों ने मदद के लिए आने वाले फोन उठाने बन्द कर दिए हैं। सिर्फ गिने-चुने अधिकारी ही इस समय समर्पण भाव से काम कर रहे हैं। ऐसे ही एक अधिकारी पुलिस अधीक्षक ग्रामीण डॉ ईरज राजा हैं। डॉ ईरज राजा ने पंचायत चुनाव में अवैध शराब तस्करों पर लगाम लगा कर वाहवाही बटोरी थी। अब डॉ ईरज कोरोना यौद्धा के रूप में भी सराहनीय कार्य कर रहे हैं। मेडिकल ऑफिसर रहने के अनुभव का लाभ भी डॉ ईरज को मिल रहा है। दवाइयों की काला बाज़ारी रोकने के अलावा एसपी ग्रामीण मरीजों के लिए एम्बुलेंस से लेकर ऑक्सीजन तक की व्यवस्था कराने में जी-जान से जूट हुए हैं

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