गाजियाबाद : आज देश कोरोना महामारी से जूझ रहा है चारों तरफ मौत का भयानक तांडव देखने को मिल रहा है ! कोई परिवार ऐसा नहीं है जिसने अपने रिश्तेदार मित्र बंधु पड़ोसी या किसी पारिवारिक सदस्य को ना खोया हो ! हर तरफ दुख एवं शोक की लहर दिखाई पड़ रही है।
सरकारी तंत्र का नंगापन आज पूरे देश के सामने आ गया है सरकार देश को नई ऊंचाइयों पर ले जाने का सपना दिखा रही थी और कांग्रेस के 60 साल के विकास को शून्य बता रहे थे कोरोना पर विजय प्राप्त करने पर अपनी पीठ थपथपा रहे थे आज देश की राजधानी से लेकर छोटे-छोटे गांव तक आम आदमी से लेकर खास आदमी इस खोखले पन का शिकार हो रहे हैं विश्व भर में हमारी मेडिकल संरचना गुणगान गाने वाले यह नजारादेख रहे है|
देश के प्रतिष्ठित हॉस्पिटल मरीज़ो के लिए ऑक्सीजन की भीख मांग रहे हैं जो भारत के इतिहास में आज तक नहीं हुआ बाड़ और भूख से दम तोड़ते भारतवासी तो देखें थे|
परन्तु ऑक्सीजन न मिलने से जान जाते हुऐ पहली बार देख रहे है इस भयावह स्थिति को देखते हुए आज कलम भी रो रही है। नरेंद्र भारद्वाज ने कहा कि आज मरीजों के लिए हॉस्पिटलों में बेड नहीं है, वेंटिलेटर नहीं है, ऑक्सीजन नहीं है, दवाइयां उपलब्ध नहीं हो पा रही है !
जहां भी देखो वहां कालाबाजारी हो रही है ! रेमीदेसीवर जैसे इंजेक्शन जो सरकारी रेट पर मिलना चाहिए उनके 20 से 25000 वसूले जा रहे हैं ! हमारे अंदर की बची कुची इंसानियत यह सब अंधा गूंगा बन सब देख रही है ! आश्चर्य की बात है कि सरकारी मशीनरी बंद पड़ी है और भाजपा सरकार द्वारा किए गए वायदे सब झूठे साबित हो गए हैं।
जिस जनता ने केंद्र व प्रदेश की सरकार को चुना था हमारे दुख दर्द तकलीफों का समाधान के लिए नियुक्त किया था आज उन्होंने ही देश प्रदेशवासियों को मौत के कुएं में अकेला छोड़ दिया। सरकार आज इस मोड़ पर खड़ी है उसे सिर्फ और सिर्फ चुनाव नजर आ रहे हैं पर हमें रोना आ रहा है !
हॉस्पिटल एवं मरीज ऑक्सीजन के लिए केंद्र सरकार से गिड़गिड़ा रहे हैं और केंद्र सरकार कह रही हैं हम जल्द से जल्द ऑक्सीजन की पूर्ति सामान्य कर देंगे तब तक चाहे कितने ही लोगों की जाने क्यों न चली जाए इस बात की उन्हें कोई परेशानी नहीं !