नोएडा । केंद्र व प्रदेश सरकार कोरोना के बढ़ते प्रकोप पर अकुंश लगाने के लिए तरफ तरफ प्रभावी कदम उठा रहे है।जिससे कोरोना के बढ़ते मरीजों की संख्या में इजाफा ना हो।बात करे गौतमबुद्ध नगर के नोएडा शहर में जहा रोज मरीजों और मरने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है।
लेकिन नोएडा में स्थित नोएडा प्राधिकरण को देखकर ऐसा लगता नही है कि यहा कोरोना का कोइ भी नियम लागु होता है।आको बता दे कि कुछ समय पूर्व नोएडा विकास प्राधिकरण ने झुग्गी झोपड़ी पुनर्वास योजना के माध्यम से गरीबों को मकान देने के लिए ड्रॉ किया था।ड्रॉ के पश्चात आवंटन लेटर जारी किए गए हैं।
जिसमें एक निश्चित समय सीमा दी गई उसमें यह भी उल्लेखित किया गया था कि अगर समय पूर्ण हो जाता है तो चक्रवर्ती ब्याज प्रत्येक दिन जुर्माने राशियों पर लगाई जाएगी।अब ये तो ठीक है कि गरीबों को मकान मिले लेकिन क्या वो अपनी जान को मसीबत में डाल कर।
हम ये इसलिए कह रहे है
क्योकिं नाेएडा प्राधिकरण के दफ्तर में रोज दिन 100 से 200 आदमी पैसा जमा करने पहुंच रहे हैं।वहा इस कोरोना महामारी में ना तो कोइ सोशल डिस्टेंसिंग,ना दो दज की दूरी है।पहले ही जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा चुकी है।ना तो अस्पतालों में मरीजों को बेड मिल रहे ना ही ऑक्सीजन।ऐसे में यदि स्थिति बिगाड़ जाती है
तो भयानक परिणाम हो सकते है।ऐसे विपरीत समय में भी प्राधिकरण अपना खेल रहा है।प्राधिकरण का कहना है कि पैसे जमा ना किये तो चक्रवर्ती ब्याज लग जायेगा।बताते चले कि कुछ समय पूर्व प्राधिकरण के अनेकों अधिकारी कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और कई बड़े अधिकारियों के परिवार के सदस्य इस महामारी से जान गवा बैठे हैं। परंतु फिर भी प्राधिकरण को इस योजना को परवान चढ़ाने की इतनी जल्दी पता नही क्यों है।
जबकि अभी तक प्राधिकरण फर्जी आवेदकों के खिलाफ कोइ कारवाई नही कर पाया है।आवेदकों का कहना है कि करोना महामारी के प्रभाव को देखते हुये प्राधिकरण को इस योजना को फिलहाल के लिए स्थगित कर देना चाहिए।