जनसागर टुडे संवाददाता : धीरेन्द्र अवाना नोएडा। कोरोना मरीजों को दिये जाने वाले रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ प्रदेश सरकार द्वारा सख्त कारवाई के आदेश के बाद कुछ दिन पूर्व नोएडा की थाना सैक्टर-20 पुलिस व क्राइम ब्रांच द्वारा एक व्यक्ति को पकड़ा गया था जो रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करके मुनाफा कमाता था।जब आरोपी की जांच करायी गयी तो वो कोरोना से संक्रमित मिला।आरोपी के कोरोना पॉजिटिव होने के बाद पुलिस की जान पर बन आयी है।
पूरी टीम होम आइसोलेशन में चली गयी है।आपको बता दे कि पहले बुधवार नोएडा की थाना सैक्टर-20 और क्राइम ब्रांच पुलिस द्वारा संयुक्त कारवाई करते हुये एक आरोपी को थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया था।उसके कब्जे से 105 इंजेक्शन बरामद किए थे।
इनमें से सौ इंजेक्शन भारतीय और पांच बांग्लादेश के थे।जब पुलिस द्वारा आरोपी की जांच करायी तो वो कोरोना से संक्रमित मिला।जिसके बाद पकड़ने वाली टीम व उनके परिवारजनों की जान आफत में आ गयी है।पुलिस आयुक्त के आदेश पर पूरी टीम को होम आइसोलेशन में रहने के आदेश दिये है।बताते चले कि आरोपी रचित घई मूल रुप दिल्ली का रहने वाला है।
जो कोरोना मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर उनको रेमडेसिविर इंजेक्शन कई गुना दागों में बेचता था।डीसीपी राजेश ने बताया कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले रचित घई को पुलिस ने नोएडा सेक्टर-29 में दिल्ली पब्लिक स्कूल के पास से गिरफ्तार किया था और उसके कब्जे से 105 इंजेक्शन बरामद किए थे।
इनमें से सौ इंजेक्शन भारतीय और पांच बांग्लादेश के थे।इनमें से अदालत ने 96 इंजेक्शन को मुक्त कर दिया गया है और इनकी जांच रिपोर्ट आने के बाद सीएमओ को सुपुर्द कर दिए जाएंगे।जांच रिपोर्ट में पता लगेगा कि इंजेक्शन असली हैं या नकली इंजेक्शन हैं।
वही थाना सैक्टर-20 पुलिस ने आज फिर दो अभियुक्तों अरविन्द्र कुमार और विवेक कुमार निवासी सैक्टर-9 को थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया जो अपने फरार मालिक दीपांशु के कहने पर जरुरतमंद लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर ऑक्सीजन को मनमाने दामों पर बेचते थे।