आनन्द शर्मा कवि,लेखक,प्रवक्ता इतिहास
रिसर्च स्कॉलर
हे मृत्यु लोक के स्वामी।
हे महाकाल अंतर्यामी।।
रक्षा करो रक्षा करो….
हाथ जोड़कर करूँ याचना।
सुनो प्रभु भक्तों की प्रार्थना।।
भूल सुधारेंगे सुधारेंगे खामी।
हे मृत्यु लोक के स्वामी।।
हे महाकाल अंतर्यामी।
रक्षा करो रक्षा करो….
हे जगत के पालनहारी।
हे दीनानाथ भोले भंडारी।।
ना जतन बचा है आगामी।
हे मृत्यु लोक के स्वामी।।
रक्षा करो रक्षा करो….
ना काम आ रही कोई दवा।
सांस लेने की भी नही हवा।।
हम स्वीकारते अपनी नाकामी।
हे मृत्यु लोक के स्वामी।।
रक्षा करो रक्षा करो।
त्राहिमाम त्राहिमाम करे जनता।
संकट हर लो अब भगवन्ता।।
हे विश्वनाथ नमामि नमामि।
हे महाकाल अंतर्यामी।।
हे मृत्यु लोक के स्वामी।।
रक्षा करो रक्षा करो।।