जन सागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : समाजसेवी एवं संजय नगर व्यापार मंडल अध्यक्ष विपिन गोयल का कहना है कि वास्तविकता यह है कि कभी कभी हम किसी बहुत छोटे से कारण या अनावश्यक क्रोध के आवेश में सब रिश्तों को खत्म करने का अत्यन्त नकारात्मक प्रवृत्ति का बड़ा कदम उठा लेते हैं।
किंतु क्रोध व आवेश के मूल कारण के समाप्त होते ही हमको यह एहसास होता है कि कितने तुच्छ एवं नगण्य कारण से हमने एक बड़ा नकारात्मक निर्णय ले लिया। याद रखिये, रिश्ते बनाना आसान है, किन्तु उनको निभाना अत्यन्त ही मुश्किल है। इसलिए किसी भावावेश में आकर संबंध बनाने से पहले यह भी सोच लें कि क्या हम उन सम्बन्धों को पूरी ईमानदारी से निभा पायेंगे.? कभी किसी आवेश में आ कर रिश्तों को खत्म तो नहीं कर देंगे।