बंगाल चुनाव में निकल कर आई गुरबत! खुद गृहमंत्री की रैली में बताई लोगो ने सच्चाई
जन सागर टुडे संवाददाता
गाजियाबाद : कोरोना महामारी के बीच हो रहे पांच राज्यो के चुनाव के बीच से मोदी सरकार की नाकामी के अलावा एक और हकीकत निकल कर सामने आई है,जिसने मोदी सरकार के साथ साथ तथाकथित पूर्व समाजवादी बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार को भी नंगा कर दिया है। ये हकीकत उजागर हुई गृहमंत्री शाह की सिंगुर में हुई रैली में,जहाँ भीड इकट्ठा करने के लिये बिहार के भटठा मजदूरों को जुटाया गया था। मिडिया कर्मियों ने जब इन भटठा मजदूरों से पडताल की तो उन्होने बताया कि कोई बंगाल का घोस नाम का भटठा मालिक, जिसके भट्ठे बिहार में हैं,वो इन्हें बीजेपी के रैली में लेकर आया है। वैसे अमूमन ऐसा होता है कि राजनीतिक दल किराये की भीड इकट्ठी करते हैं लेकिन किराये यानि मजदूरी की दर क्या हो, इसे जानकर मोदी और नितीश हुकुमत पर गरीबो के साथ शोषण की हदो को पार करने की वो व्यथा सामने आइयेगी जिससे भारत के सविंधान और कानून को शर्मनाक होना पडेगा। मिडिया रिपोर्ट बताती हैं कि पश्चिम बंगाल में गृहमंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभाओ में भीड जुटाने के लिये लोगो को 400 रुपये प्रति हफ्ता यानि कि 50 रुपये प्रतिदिन पर हायर किया गया। दिलचस्प ये है कि ये 50 रुपये भी नकद नही दिये गए बल्कि भटठा मजदूरी में एडजस्ट किये जाएंगे। अफसोस कि देश में 50 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से मजदूरों से श्रम कराया जा रहा है, वो भी 24 घन्टे। अब ये बताने की जरुरत कहां बची है कि श्रम कानूनो में न्यूनतम मजदूरी दर क्या है? देश के गृहमंत्री और प्रधानमन्त्री को बंगाल पर बलात कब्जा करने की चाह में क्या ये भी नही मालूम कि मजदूर का भटठा मालिक कैसे शोषण कर रहे हैं, खुद ही कानून और सविंधान का इस कदर सत्ता पर कब्जे के लिये हिमाकत करोगे तो राज धर्म और मानवता कहां बचेगी? खैर सावधान मनुवादी हुकुमत, बहु संख्यक लोग जाग रहे हैं (लेखक भीम आर्मी,आजाद समाज पार्टी के प्रवक्ता हैं|