दैनिक जन सागर टुडे संवाददाता
नोएडा। जिले में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की रोकथाम के लिए जरूरी है कि कोविड अस्पतालों की संख्या बढ़ाने के साथी ही स्वास्थ्यकर्मियों की संख्या में वृद्धि की जाए।यह बात (समाजवादी पार्टी) सपा ग्रामीण के जिलाध्यक्ष रेशपाल अवाना ने कही।उन्होंने बताया की कोरोना संक्रमण से गौतमबुद्धनगर जिला बुरी तरह से प्रभावित है। दिल्ली से सटा होने के चलते यहां प्रतिदिन हजारों लोगों की आवाजाही होती है। इसी का नतीजा है कि दिल्ली में कोरोना के केस बढ़ने के साथ ही नोएडा में भी केस बढ़ने लगे हैं। संक्रमण बढ़ने से लोगों को इलाज के लिए भी मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। किसी को समय पर बेड नहीं मिल रहा है तो कोई दर्दनिवारक इंजेक्शन रेमडीसीवीर के लिए भटक रहा है। अधिकारी हैं कि हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं । लोगों का फ़ोन नहीं उठा रहे हैं। स्वास्थ विभाग लोगों को बेड नहीं दिला पा रहा है। प्रवक्ता विनोद कुमार बिल्लू ने बताया कोरोना वायरस वायरस की आरटी पीसीआर जांच रिपोर्ट आने में 10 दिन का वक्त लग रहा है। ऐसे में संदिग्ध व्यक्ति दूसरे लोगों को भी संक्रमित कर रहे हैं। लोगों को कोविड-19 अस्पताल में भर्ती नहीं किया जा रहा है। निजी अस्पताल सिर्फ मुनाफाखोरी में लगे हैं। शासन प्रशासन पूरी तरह से ध्वस्त हो चुका है। अगर यही रहा तो आने वाले वक्त में लोगों को अंतिम निवास में भी जगह नहीं मिलेगी। इसलिए जरूरी है इसके प्रबंधन के लिए अभी से जुट जाया जाए। हम सभी की जिम्मेदारी है कि हम इस वायरस को खत्म करने के लिए पूरी एकजुटता से के साथ लड़े। लेकिन वर्तमान की केंद्र और प्रदेश सरकार ऐसा नहीं चाहती। इसीलिए देश में जब कोरोना वायरस का कहर बढ़ा है तो प्रधानमंत्री, गृहमंत्री पश्चिम बंगाल में रैली करने में लगे हैं। उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव कराए जा रहे हैं। जन रैलियों में आने वाले लोग कोरोना के वाहक बन सकते हैं। इसलिए जरूरी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चुनावी रैलियों को खत्म करके आपदा प्रबंधन की नीति पर काम करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को यह निर्देश दें कि जिले में अस्पतालों मरीजों को समुचित उपचार मिल सके इसके लिए या व्यवस्था करें। वर्तमान की भाजपा सरकार कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए पूरी तरह से विफल साबित हुई है। जिले में लोगों को बेड नहीं मिल पा रहे हैं। कहीं कोई वैक्सीन के लिए परेशान है तो कहीं कोई ऑक्सीजन के लिए परेशान है। इसलिए जिला प्रशासन की जिम्मेवारी बनती है कि वह स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित करें कि शहर के लोगों को बेड मिले। लोगों को किसी प्रकार की परेशानी ना हो जरूरत प,ड़े तो निजी अस्पतालों का टेकओवर किया जाए। जिससे लोगों को समुचित उपचार मिल सके। समय पर उनकी जान बचाई जा सके। लोगों को ज्यादा से ज्यादा जांच करके उनके संपर्क में आए लोगों की भी जांच की जाए। लोगों को समय पर उपचार दिलाया जाए। जिससे संक्रमण की रोकथाम हो सके। सपा प्रवक्ता ने भाजपा नेताओं पर निशान साधते हुए कहा कि भाजपा सरकार जिले में एक भी अस्पताल नहीं बनवा सकी है। अखिलेश सरकार में बनाए सेक्टर-39 के अस्पताल में मरीजों का इलाज किया जा रहा है।