दैनिक जन सागर टुडे संवाददाता
देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों पर छात्रसंघ सचिव सुजीत पाल ने सरकार पर निशाना साधा है। देश व प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए छात्रनेता सुजीत पाल ने चुनाव आयोग से चुनाव रैलियों पर रोक लगाने का आग्रह किया। सुजीत पाल ने कहा कोरोना के कहर से पूरा देश दहल रहा है। सबसे अधिक दुर्भाग्य की बात यह है कि इस बार कोरोना बढ़ने की सबसे अधिक जिम्मेदारी सरकार और नेताओं की है। जनता भी लापरवाही के लिए एक सीमा तक जिम्मेदार है। कोरोना बढ़ाने में पूरे देश में कोरोना के कारण हाहाकार मचा हुआ है जनता जबरदस्त परेशान है अस्पताल भरे हुए हैं आक्सीजन की कमी हो रही है,लाशें बिछ रही है शमशान में जगह नहीं मिल रही है सरकारें लाकडॉन ,कर्फ्यू लगा रही है लेकिन राजनेता चुनाव में बराबर रैलियां कर रहे हैं सोशल डिस्टेंसिंग नहीं है रैली में आने वाली भीड़ और नेता मास्क नहीं लगा रहे हैं जिसके कारण ही तेजी से कोरोना फैल रहा है लोग मर रहे हैं। तो क्या ऐसे समय मे रैलियों को बंद नही किया जा सकता है। और क्या ऐसे माहौल में चुनाव जरूरी है, चुनाव आयोग एक संवैधानिक संस्था है जो इस वक्त पूरी तरह से अन्धा बहरा और गूंगा बना हुआ है तो क्या देश का उच्चतम न्यायालय कोई संज्ञान मानवीय आधार पर नही सकता है ? चुनाव और चुनावी रैलियों पर रोक क्यों नहीं लगा रहा है? लोग मर रहे हैं और इस देश के न्यायिक ब्यवस्था के मुँह पर ताला लगा हुआ है। क्या फर्क पड़ेगा अगर चुनाव साल भर बाद होंगे? स्कूल कॉलेज बन्द हो सकते हैं तो चुनाव क्यों नही चुनाव छह महीने नही हुए तो कौन सी आफत आ जाती। सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट को स्वयं संज्ञान लेकर के चुनावी रैलियों को तुरंत प्रभाव से बंद करना चाहिए। इन संस्थाओं और ऐसे नेताओं से तो वेश्याएं ज्यादा अच्छी हैं जब देश पर संकट आता है तो अपनी दौलत देश पर न्योछावर कर देती हैं। लेकिन ये लोग पद, दौलत और सत्ता के लालच में निर्दोष जनता को मौत के मुंह में धकेल रहे हैं धिक्कार है ऐसे चुनाव आयोग, न्यायालय और नेताओं पर। ऐसे में खुद के बचाव के लिए हमें जागरूक नागरिक बनते हुए अपनी जिम्मेदारियों को समझना होगा। घर से बाहर निकलते समय अपने मुंह को फेसकवर और मास्क से सही ढंग से ढंकें। दो गज की दूरी का पालन करें और भीड़-भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचें। लॉकडाउन की निर्धारित अवधि में प्रशासन का पूरा सहयोग करें। जागरूक बनें, सावधान रहें, सुरक्षित रहें।