नोएडा:गौतमबुद्ध नगर जिले की बात करे तो ये एक ऐसा जिला है जो प्रदेश सरकार को सबसे ज्यादा राजस्व देता है।इसको उत्तर प्रदेश की आर्थिक राजधानी कहे तो कुछ गलत नही होगा।जिले में करीब एक साल से कमिश्ररेट सिस्टम लागू है।एक साल पूरा हाेने पर पुलिस आयुक्त आलोक सिंह ने अपने पुलिस उपायुक्तों के साथ मिलकर अपने कार्यालय पर पिछले एक साल का ब्यौरा दिया और एक साल में पुलिस की उपलब्धियों के बारे में बताया।देखा जाये तो पिछले एक साल में पुलिस आयुक्त आलोक सिंह के नेतृत्व में पुलिस ने कई उपलब्धियों पायी लेकिन फिर भी रह रह कर ना जाने क्यों किसी की कमी खलती है।ऐसा हम नही कह रहे ये वो लोग कह रहे है जिन्होंनें एक साल पहले के कार्यकाल को देखा।बात करे उस समय की तो उस समय जिले की कमान आईपीएस वैभव कृष्ण के हाथ में थी।आईपीएस वैभव कृष्ण की गिनती देश के उन चुनिंदा तेज तर्रार और ईमानदार अधिकारियों में होती है जो ईमानदारी के साथ अपनी ड्यूटी करते थे और उसे ही अपना धर्म मानते थे।अपने कार्यकाल के दौरान जिले में उनकी ईमानदारी और उनके सख्त फैसलों के खूब चर्चे होते थे।जनता भी इनके कार्यों को देखकर इनकी मुरीद हो गयी थी।देखा जाये तो जिले में बहुत से अधिकारी आये और बहुत से
गये लेकिन ऐसे बहुत कम अधिकारी आये जिन्होंने जिले के बारे में गंभीरता से सोचा।आईपीएस वैभव कृष्ण भी ऐसे ही अधिकारी थे जिन्होंनें अपने काम के आगे आने वाली हर मुसीबत को आसानी से निमटा लिया।या यू कहे कि बड़े बड़े दवाबों के बाद भी अपना सिर नही झुकने दिया चाहे वह दवाब सतापक्ष का हो या किसी और का।लेकिन कुछ भष्टाचारियों की पोल खोलना उन्हें इतना भारी पड़ा कि उन्हें अपना पद गवांना पड़ा।सबसे बड़ा सवाल ये उठता है कि आज करीब एक साल के बाद भी वैभव कृष्ण की तैनाती किसी भी जिले में नही हुयी है जबकि उनके द्वारा की गयी शिकायत की जांच भी पूरी हो चुकी है।कमिश्ररेट सिस्टम लागू करने के बाद अधिकारियों की फौज जिले में लगी हुयी है लेकिन फिर भी वैभव कृष्ण जैसा नेतृत्व अभी तक देखने को नही मिला।अब देखना है कि सरकार जिले को ऐसे अधिकारियों से कब तक विहीन रखती है।