नोएडा:जिले में अस्पतालों द्वारा इलाज में लाहपरवाही बरतने के मामले कम होने का नाम नही ले रहे है।इसी क्रम मे नोएडा के ईएसआई अस्पताल का एक सनसनी खेज मामला सामने आया है।अस्पाताल के ऊपर एक माहिला के पति ने आरोप लगाया है कि 26 वर्ष पहले उसकी पत्नी की डिलीवरी के समय ऑपरेशन के दौरान डॉक्टरों ने पेट में स्पंज छोड़ दिया।महिला की तबीयत खराब होने इसका पता चला।इस संम्बध में पति ने उपभोक्ता आयोग में मामला दर्ज कराया जिसके बाद उपभोक्ता आयोग ने नोएडा के ईएसआई अस्पताल पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। आपको बता दे कि नोएडा निठारी गांव के रहने वाले रामपाल सिंह और ब्रह्मवती ने ईएसआई अस्पताल के खिलाफ उपभोक्ता आयोग में शिकायत की थी।इसमें ईएसआई के महानिदेशक, ईएसआई अस्पताल नोएडा में तैनात चिकित्सक डॉ अनीता और डॉ प्रीति शर्मा के खिलाफ शिकायत दी गई थी।शिकायत कर्ता की शिकायत के अनुसार ब्रह्मवती को 12 मई 1994 को ईएसआई नोएडा में डिलीवरी के लिए भर्ती कराया गया। चिकित्सकों ने ऑपरेशन करके डिलीवरी कर दी लेकिन ऑपरेशन के बाद से पेट में दर्द रहने लगा। दर्द होने पर उसे दवा दी जाती।हालत बिगड़ने पर महिला को नोएडा के निजी अस्पताल में जांच करायी गया।अल्ट्रासाउंड के बाद चिकित्सकों ने बताया कि उसकी आंतें आपस में चिपक गई हैं। एक ऑपरेशन करना पड़ेगा।दोबारा ऑपरेशन हुआ तो पता चलता कि जिस चिकित्सक ने डिलीवरी की थी उसने पेट में स्पंज का टुकड़ा छोड़ दिया था।इस कारण से आतें चिपक गईं।महिला की तबीयत खराब होने की वजह से पति अपनी ड्यूटी पर नहीं जा सका।इसी वजह से पति ने शिकायत में 19.76 लाख रुपये बतौर क्षतिपूर्ति दिलाने की गुहार लगाई गई थी।इस मामले पर सुनवाई करते हुए आयोग ने पति-पत्नी को तीन-तीन लाख रुपये ईएसआई को देने का आदेश दिया। यह राशि बतौर मानसिक व शारीरिक क्षति के रूप में दी जाएगी। इसके अलावा वाद खर्च के रूप में पांच हजार रुपये और देने का आदेश दिया है।आयोग ने ईएसआई अस्पाताल को निर्देश दिया कि इस धनराशि का भुगतान 60 दिन में कराया जाये।बताते चले कि इससे पहले भी अस्पताल पर कई गंभिर आरोप लग चुके है।