Thursday, November 21, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमअंतरराष्ट्रीयसुस्त पड़ रहा है नेपाल का भारत विरोधी रवैया! विजयादशमी पर ओली...

सुस्त पड़ रहा है नेपाल का भारत विरोधी रवैया! विजयादशमी पर ओली ने दिए संकेत

विजयादशमी को लेकर भारत में जितनी धूमधाम रहती है, कमोबेश नेपाल में भी वही हालात रहते हैं. यानी नेपाल में विजयादशमी को लेकर काफी उत्साह रहता है. इस वजह से कई भारतीय, नेपाल में विजयादशमी सेलिब्रेशन देखने पहुंचते हैं. इस बार की विजयादशमी भारत-नेपाल के रिश्तों को लेकर बेहद खास नजर आ रही है. अब तक लिपुलेख, कालापानी एवं लिंपियाधुरा को अपनी सीमा का हिस्सा बताने वाले नेपाल के सुर बदले-बदले दिख रहे हैं.

23 अक्टूबर को नेपाली प्रधानमंत्री केपी ओली ने समस्त नेपालवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं भेजी हैं. खास बात यह है कि इस शुभकामना में जिस नक्शे को दिखाया गया है वह पुराना है, जिसमें नेपाल, लिपुलेख, कालापानी एवं लिंपियाधुरा क्षेत्र पर अपना दावा पेश नहीं कर रहा है.|

jst_news
jst_news

तो इसका मतलब यह माना जाए कि भारत और नेपाल के बीच रिश्ते सुधर रहे हैं. सवाल उठता है कि अब तक भारत के खिलाफ उग्र दिखने वाले पीएम केपी ओली के स्वभाव में यह बदलाव अचानक कैसे आया?

रॉ चीफ से मिले थे ओली

दरअसल बुधवार शाम को भारत की खुफिया एजेंसी रिसर्च एंड एनालिसिस विंग (रॉ) के प्रमुख सामंत कुमार गोयल ने प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली से मुलाकात की थी. हालांकि इस मुलाकात को लेकर प्रधानमंत्री को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी समेत विभिन्न नेताओं की आलोचना के केन्द्र में आ गए. उनपर कूटनीतिक नियमों की अनदेखी करने के आरोप लगे थे.

गोयल ने बुधवार शाम को ओली से उनके सरकारी निवास पर भेंट की थी, जो सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी (एनसीपी) समेत कुछ राजनीतिक नेताओं को रास नहीं आई. सत्तारूढ़ दल के नेता भीम रावल ने कहा कि रॉ प्रमुख गोयल और प्रधानमंत्री ओली के बीच जो बैठक हुई, वह कूटनीतिक नियमों के विरूद्ध है और इससे नेपाल के राष्ट्रहितों की पूर्ति नहीं हुई. |

उन्होंने कहा, ‘चूंकि यह बैठक विदेश मंत्रालय के संबंधित संभाग के साथ बिना परामर्श के गैर पारदर्शी तरीके से हुई, ऐसे में इससे हमारी राजकीय प्रणाली कमजोर भी होगी.’

एनसीपी के विदेश मामलों के प्रकोष्ठ के उपप्रमुख विष्णु रिजाल ने कहा, ‘कूटनीति नेताओं के द्वारा नहीं बल्कि राजनयिकों द्वारा संभाली जानी चाहिए. रॉ प्रमुख की यात्रा पर वर्तमान संशय कूटनीति राजनेताओं द्वारा संभाले जाने का परिणाम है.’

jst_news
jst_news

नेपाली कांग्रेस के केंद्रीय नेता गगन थापा ने ट्वीट किया, ‘यह बैठक ना केवल कूटनीतिक नियमों का उल्लंघन है बल्कि हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा भी पैदा करती है. इसकी जांच की जानी चाहिए.’

गोयल की यात्रा भारतीय सेना के प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की नवंबर के पहले सप्ताह में होने वाली नेपाल यात्रा से पहले हुई है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा आठ मई को उत्तराखंड में लिपुलेख और धारचूला को जोड़ने वाले 80 किलोमीटर लंबे रणनीतिक रूप से अहम मार्ग का उद्घाटन किये जाने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो गया था.

नेपाल ने यह दावा करते हुए इस उद्घाटन का विरोध किया था कि यह सड़क उसके क्षेत्र से गुजरती है. कुछ दिनों बाद उसने नया मानचित्र जारी किया और लिपुलेख, कालापानी एवं लिंपियाधुरा को अपनी सीमा के अंदर दिखाया. भारत ने भी नवंबर, 2019 में नया मानचित्र जारी किया था जिसमें इन क्षेत्रों को अपनी सीमा के अंदर दिखाया था.

नेपाल के मानचित्र जारी करने पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जारी की और इसे ‘एकतरफा कृत्य’ करार दिया. उसने कहा कि क्षेत्रीय दावे का कृत्रिम विस्तार उसे स्वीकार्य नहीं है. |

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img