कोरोना संकट के बीच बढ़ते वायु प्रदूषण ने दिल्ली-एनसीआर के लोगों की टेंशन और बढ़ा दी है। वहीं, धुंध की चादर में लिपटी दिल्ली को अभी वायु प्रदूषण से राहत मिलती नहीं दिख रही है। वायुमंडल में प्रदूषकों के बढ़ने के कारण आज दिल्ली-एनसीआर में वायु की गुणवत्ता बिगड़ गई है।
दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) के आंकड़ों के अनुसार, शुक्रवार को अलीपुर में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 442 दर्ज किया गया जो कि ‘गंभीर’ श्रेणी में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, आईटीओ में PM2.5 का स्तर 356 (बहुत खराब श्रेणी) का दर्ज किया गया है।
सुबह इंडिया गेट के पास मॉर्निंग वॉक पर निकले लोगों का कहना है कि प्रदूषण से दृश्यता (विजिबिलिटी) कम हो गई है। मॉर्निंग वॉक पर आए हर्ष ने बताया कि प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ रहा है, पहले यहां से इंडिया गेट दिखता था अब दिखना बंद हो गया है।
ऐसा ही हाल गाजियाबाद में भी दिखा। प्रदूषण के लिहाज से आज सीजन का सबसे खराब दिन है। गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 385 (बेहद खराब श्रेणी में) दर्ज किया गया, जबकि लोनी में AQI स्तर 400 से ज्यादा रहा।
आसमान में छाया स्मॉग, सेक्टर-51 क्षेत्र में 385 तक पहुंचा एक्यूआई
गुरुग्राम में शुक्रवार सुबह आसमान में स्मॉग छाया रहा। इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी। शुक्रवार सुबह सेक्टर-51 में एक्यूआई 385 और विकास सदर में एक्यूआई 331 तक पहुंच गया। गुरुवार के मुकाबले शहर की आबोहवा आज ज्यादा प्रदूषित है। सुबह दस बजे तक ग्वाल पहाड़ी पर 282 और टेरी ग्राम में सबसे कम 151 एक्यूआई रहा।
गौरतलब है कि दिल्ली-एनसीआर के शहरों में आने वाले दिनों में वायु प्रदूषण और विकराल रूप धारण कर सकता है। भारत मौसम विभाग (आईएमडी) के एडीजी आनंद शर्मा ने गुरुवार को बताया था कि 24 अक्टूबर और आगे आने वाले दिनों में दिल्ली-एनसीआर में PM10 और PM2.5 दोनों का स्तर बढ़ेगा, जिससे वायु की गुणवत्ता खराब होगी।
शर्मा ने कहा कि हवाओं के शांत रहने और स्थिर वायुमंडलीय परिस्थितियों के कारण प्रदूषक दूर नहीं हो रहे हैं, इसलिए वे हवा में बने रहते हैं।
उल्लेखनीय है कि 0 और 50 के बीच एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 ‘गंभीर’ माना जाता है।