शारदीय नवरात्रों में इस बार सप्तमी अष्टमी और नवमी तिथि को लेकर के लोगों के अंदर कुछ भ्रम है। लोग अक्सर शंका रहे हैं कि सप्तमी का व्रत कब हो एवं अष्टमी का व्रत कब है। इसी को स्पष्ट करने के लिए मैं यह लिख लिख रहा हूं।
इसका कारण यह है कि आकाशीय खगोलीय चक्र के अनुसार षष्ठी से नवमी तक तिथियों का मान ढाई घटी अर्थात एक घंटे से कम होने कारण अगली तिथि के सभी शुभ कार्य उसी दिन सम्पन्न होंगे।
छठा नवरात्र अर्थात षष्ठी तिथि 22 अक्टूबर को प्रातः 7:39 बजे समाप्त होकर सप्तमी तिथि 23 अक्टूबर को प्रातः6:56 बजे तक है।इसके पश्चात अष्टमी तिथि होगी। ऐसे में सप्तमी का व्रत 22 अक्टूबर को होगा। सप्तमी का व्रत करने वाले 23 तारीख को अष्टमी तिथि में कंजक जिमाएंगे। जिनके यहां नवमी का पूजन किया जाता है वे अष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर को रखेंगे।महानवमी का पूजन 24 अक्टूबर को होगा।
दशहरा 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा निर्णय सिंधु के अनुसार दशहरा मध्याह्न व्यापिनी तिथि में सर्वमान्य होता है।25 अक्टूबर रविवार को दशमी तिथि प्रात: 7:41 बजे से आरंभ हो जाएगी। दशमी तिथि पूर्णरूपेण मध्याह्न व्यापिनी रहेगी जो सोमवार को 10:46 तक रहेगी।
उपरोक्त विवरण के अनुसार
दुर्गा सप्तमी का व्रत 22 अक्टूबर को,
अष्टमी पूजन (कंजक पूजन)-
23 अक्टूबर ।
दुर्गा अष्टमी का व्रत 23 अक्टूबर और नवमी पूजन (कंजक पूजन)- 24 अक्टूबर।
दशहरा – 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
पंडित शिवकुमार शर्मा आध्यात्मिक गुरु एवं ज्योतिष रत्न
अध्यक्ष -शिवशंकर ज्योतिष एवं वास्तु अनुसंधान केंद्र, गाजियाबाद