राजधानी में प्रदूषण का स्तर और खराब हो गया है। बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 35 अंक बढ़ गया। हालांकि, यह अब भी खराब श्रेणी में बना हुआ है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली में एक्यूआई 268 रहा, जो एक दिन पहले 233 था।
हवा की गुणवत्ता पर नजर रखने वाली पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय की एजेंसी ‘सफर’ के मुताबिक, राजधानी में पीएम 2.5 के स्तर में पराली जलाने का योगदान 15 फीसदी का रहा। सफर का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंचने वाली हवाओं की दिशा पुरवा होने से गुणवत्ता में सुधार आएगा, लेकिन अगले दिन 23 अक्तूबर को इसमें फिर से खराबी आने का अंदेशा बना हुआ है।
सफर का आकलन है कि बुधवार को सतह पर चलने वाली हवा की चाल धीमी रही। वहीं, पंजाब, हरियाणा व पड़ोसी इलाकों में मंगलवार को 849 मामले पराली के दर्ज किए गए। ट्रांसपोर्ट लेवल की हवाओं की दिशा पछुआ होने से पराली के धुएं का हिस्सा भी 8 फीसदी से बढ़कर 15 फीसदी के करीब पहुंच गया। दोनों का मिलाजुला असर हवा की गुणवत्ता पर देखा गया। 24 घंटे का सूचकांक मामूली बढ़ोतरी के साथ 268 पर चला गया।
कल से हालात और बिगड़ने का अंदेशा
सफर का पूर्वानुमान है कि बृहस्पतिवार को दिल्ली पहुंचने वाली हवाएं पुरवा होंगी। तुलनात्मक रूप से इनके साफ होने से दिल्ली की हवा में भी सुधार होगा। यह खराब स्तर के सबसे निचले पायदान पर रहेगी, लेकिन शुक्रवार से एक बार फिर हवा की गुणवत्ता खराब होगी। हवा खराब स्तर के ऊपरी पायदान पर पहुंच जाएगी। शनिवार और रविवार को इसमें बड़ा फेरबदल नहीं होगा।