देहरादून के चाय बागान अब आसाम की चाय से महकेंगे। इसके लिए डीटीसी कंपनी की ओर से सिलीगुड़ी पश्चिम बंगाल से 15 हजार असम प्रजाति की पौध मंगाई गई है। इसके साथ ही कंपनी की ओर से टी बोर्ड ऑफ इंडिया से भी एक लाख पौध की मांग की है। खुद की नर्सरी में भी तीस हजार पौध उगाई जा रही है।
बता दें, कभी दून की चाय देश-विदेश में मशहूर थी। दून के आरकेडिया क्षेत्र में ही चायपत्ती बनाने की फैक्ट्री हुआ करती थी, लेकिन फैक्ट्री बंद होने के बाद चाय के बाग भी धीरे-धीरे खत्म होने के कगार पर पहुंच गए।
अब दून के चाय बागान फिर से महकेंगे। वह भी असम की चाय से। डीटीसी इंडिया लिमिटेड ने देहरादून स्थित हरबंशवाला और आरकेडिया चाय बागान की विस्तार और फिर से हरा-भरा करने की योजना बनाई है। इसके लिए कंपनी की ओर पश्चिम बंगाल से 15 हजार चाय की पौध मंगाई हैं। जिनका कंपनी अपनी बागान में रोपण कराएगा।
एक लाख चाय की पौध के लिए बातचीत चल रही
इसके साथ ही कंपनी की टी बोर्ड ऑफ इंडिया से भी एक लाख चाय की पौध के लिए बातचीत चल रही है। कंपनी के मुताबिक इन सबके साथ ही कंपनी अपनी नर्सरी में 30 हजार चाय के पौधे तैयार कर रही है। जल्द ही इन्हें भी बागानों में रोपण कर लिया जाएगा।
कंपनी अपने आरकेड़िया ओर हरबंशवाला चाय बागानों का विस्तार करने जा रही है। इनके लिए असम प्रजाति के चाय की पौध मंगाई है। कंपनी के इस प्रयास से एक बार फिर दून में चाय और हरियाली विकास में एक नया अध्याय जुड़ेगा।
डीके सिंह, निदेशक डीटीसी इंडिया लिमिटेड