न्यूजीलैंड की प्रधानमंत्री जैसिंडा अर्डर्न ने शनिवार को देश के आम चुनाव में शानदार जीत हासिल की. उन्होंने अभूतपूर्व बहुमत हासिल किया. देश के लोगों ने उन्हें उनके सुधार एजेंडे को लागू करने का मौका दिया. गौरतलब है कि जैसिंडा को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में मिली सफलता का लाभ मिला. दो तिहाई वोटों की गिनती के साथ, अर्डर्न की लेबर पार्टी 49.2 प्रतिशत पर थी और 120 सदस्यीय संसद में लगभग 64 सीटें जीतने का अनुमान था. कई वर्षों में किसी भी नेता ने इस तरह पूर्ण बहुमत हासिल नहीं किया है. बता दें कि न्यूजीलैंड ने 1996 में एक आनुपातिक मतदान प्रणाली को अपनाया है.
गिनती खत्म होने से पहले ही विपक्षी नेता जूडिथ कोलिन्स ने अर्डर्न को फोन कर बधाई दी. कोलिन्स ने ऑकलैंड में समर्थकों से कहा, “आपके परिणाम के लिए बधाई, यह मेरा मानना है कि लेबर पार्टी के लिए एक उत्कृष्ट परिणाम है. यह एक कठिन अभियान रहा है.”|
आर्डर्न के प्रदर्शन ने चुनाव से पहले के जनमत सर्वेक्षणों को खारिज कर दिया. लेबर पार्टी अध्यक्ष क्लेयर स्जाबो ने जैसिंडा के अभियान की प्रशंसा की, जिन्होंने 2017 में पार्टी की कमान संभाली थी. उन्होंने कहा, “इसमें कोई संदेह नहीं है कि जैसिंडा अर्डर्न का मजबूत, महान नेतृत्व इस जीत में एक बड़ा कारक रहा है.”
अर्डर्न ने इन चुनाव को “कोविड चुनाव” करार दिया था. उनकी सरकार ने वायरस के सामुदायिक प्रसार को खत्म करने में सफलता हासिल की और इसे अभियान में लोगों तक पहुंचाया. खास बात है कि 50 लाख की आबादी में कोरोना से सिर्फ 25 मौतें हुईं. महामारी सिर्फ एक संकट की एक कड़ी है जिसने पहले दौर के दौरान अर्डर्न के नेतृत्व गुणों को दिखाया.
बता दें कि प्रधानमंत्री अर्डर्न ने पिछले साल क्राइस्टचर्च मस्जिदों में हुए हमले में 51 मुसलमानों की हत्या के बाद बंदूक नियंत्रण पर सहानुभूति और निर्णायक कार्रवाई दोनों दिखाई थी. अर्डर्न ने व्हाइट आइलैंड पर ज्वालामुखी विस्फोट की स्थिति को संभाला था. जिसमें 21 लोगों की जान चली गई थी और दर्जनों लोग झुलस गए थे|
जैसिंडा अर्डर्न ने इस हफ्ते कहा था, “भले ही मेरे रास्ते में कोई भी संकट आए, आपको आश्वासन देती हूं कि मैं इस काम के लिए अपना सब कुछ दे दूंगी, भले ही बहुत बड़ा बलिदान ही क्यों न हो.”|