कोविड-19 महामारी के मद्देनजर दिल्ली की तीन सबसे बड़ी रामलीलाओं की मेजबानी करने वाला लाल किले का मैदान इस बार खाली रहेगा और शनिवार से शुरू हुआ नवरात्रि उत्सव भी फीका रहने की उम्मीद है। इस बार कहीं पर भी 11-दिवसीय इस उत्सव को धूमधाम से मनाने की कोई गुंजाइश नहीं है, कई कमेटियां सिर्फ छोटे स्तर पर प्रतीकात्मक पूजन कर रही हैं। हालांकि, कहीं भी मेलों का आयोजन नहीं किया जा रहा है, इसके बावजूद मंदिरों ने श्रद्धालुओं की भीड़ से निपटने के लिए इंतजाम शुरू कर दिए हैं। राजधानी में अब भी कोरोना के 22,814 एक्टिव मामले हैं, वहीं यह बीमारी दिल्ली में अब तक 5,946 लोगों की जान ले चुकी है।
नवरात्र की शुरुआत के मद्देनजर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को त्योहार की बधाई देते हुए लोगों से कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने की अपील की है।
केजरीवाल ने हिंदी में एक ट्वीट कर कहा, “आज से नवरात्र शुरू हो रहे हैं। आप सबको इस पावन पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। माँ दुर्गा की कृपा आप सभी पर सदा बनी रहे। कोरोना संकट के कारण मेरी आप सभी से अपील है कि सार्वजनिक जगहों पर नियमों का ख्याल जरूर रखें और हमेशा मास्क पहन कर ही बाहर जाएं।”
सभी बड़ी रामलीलाएं हुईं रद्द
दिल्ली में शीर्ष कलाकारों द्वारा प्रदर्शन के साथ बड़े मेलों का आयोजन करने वाली लगभग सभी प्रमुख कमेटियों ने रामलीलाओं को रद्द कर दिया है। इन आयोजनों में राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री भी शिरकत करते थे।
लाल किले में रामलीला आयोजित करने वाली श्री धार्मिक लीला कमेटी के प्रेस सचिव रवि जैन ने कहा कि वे नवरात्रों की शुरुआत के मौके पर शनिवार को साधारण रूप से गणेश पूजा करेंगे। हम भक्तों को अपने गणेश पूजन में शामिल होने के लिए शनिवार शाम 5:30 बजे कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 3 के पास महाराजा अग्रसेन पार्क में आमंत्रित कर रहे हैं। हम इस बारे में एसएमएस और वॉट्सऐप संदेशों के माध्यम से सभी को बता रहे हैं कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का अनिवार्य रूप से पालन करना चाहिए।
कालकाजी मंदिर ने भीड़ को रोकने के लिए मांगी मदद
दक्षिणी दिल्ली के कालकाजी मंदिर ने भीड़ को रोकने और कोविड-19 दिशानिर्देशों का पालन करने के लिए पुलिस और जिला मजिस्ट्रेट से मदद मांगी है। कालकाजी मंदिर प्रबंधन के एक सदस्य ने कहा कि हमारे मंदिर आज (शनिवार] से लोगों के लिए खोल दिए गए हैं। मंदिर में भीड़ को रोकने के लिए हम अपने सभी सोशल मीडिया हैंडल के माध्यम से सुबह और शाम की आरती भी लाइव प्रसारित करेंगे। लोग अपने घरों में रहकर ही लाइव आरती देखते हुए पूजा कर सकते हैं।
वहीं, छतरपुर में कात्यायनी शक्तिपीठ मंदिर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी किशोर चावला ने कहा कि भक्तों को मंदिर में प्रसाद नहीं मिलेगा और सोशल डिस्टेंसिंग बनानी होगी। उन्होंने कहा कि भक्तों को पैकेट में प्रसाद दिया जाएगा। चावला ने कहा कि बिना मास्क के भक्तों का मंदिर में प्रवेश वर्जित है।
40 साल में पहली बार नहीं होगी लव-कुश रामलीला
हर साल लाल किले में 11 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित करनी वाली लव-कुश रामलीला कमेटी के महासचिव अर्जुन कुमार ने कहा कि उन्होंने इस साल वह कोई उत्सव नहीं कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि 40 साल में ऐसा पहली बार हुआ कि लव कुश रामलीला नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने नवरात्रि की शुरुआत से बड़ी मुश्किल से पांच दिन पहले 11 अक्टूबर को उत्सवों पर दिशानिर्देश जारी किए, इसलिए, हमारे लिए इतने कम समय में योजना बनाना और तैयारी करना असंभव था।
दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने 11 अक्टूबर को एक आदेश जारी कर नवरात्रि और दुर्गा पूजा को राजधानी में सीमित संख्या लोगों के साथ आयोजित करने की अनुमति दी थी। इसके साथ ही डीडीएमए ने 31 अक्टूबर तक सभी प्रकार के मेलों, फूड स्टॉलों, प्रदर्शनियों, रैलियों और जुलूसों पर रोक लगा दी है।
अर्जुन कुमार ने कहा कि कोई भी जोखिम नहीं लेना चाहता क्योंकि इस तरह के आयोजनों में सैकड़ों कलाकार भारी भीड़ जुटती है, जिससे बड़ी संख्या में लोगों को बीमारी का खतरा होता है। उन्होंने कहा कि हमारी रामलीला में 250 कलाकार शामिल होते हैं जो एक-दूसरे के चेहरे का मेकअप करते हैं जिसका अर्थ है एक-दूसरे के संपर्क में आना। अगर संयोग से किसी को संक्रमण हो जाता है, तो 11 दिनों के लिए व्यवस्था करने का सारा प्रयास व्यर्थ चला जाएगा क्योंकि बाकी दिनों के लिए स्थान को सील के लिए सील कर दिया जाएगा।