आयुर्वेद में फूल मखाना को एक औषधि का स्थान प्राप्त है तो इसके धार्मिक महत्व के चलते धन की देवी लक्ष्मी का पूजन इसके बिना अधूरा माना जाता है। फूल मखाना को देवी लक्ष्मी का प्रिय भोजन माना जाता है। आयुर्वेद के अनुसार फूल मखाना खाने से शरीर में रक्त का उत्पादन सही प्रकार से होता है। यहां जानें, नवरात्र के नौ दिनों में फूल मखाना खाने से आपकी सेहत को क्या लाभ मिलेंगे…
प्राकृतिक रूप से पौष्टिक
-मखाना जल के अंदर उत्पन्न होनेवाला एक फूड है। मखाना को बीच के रूप में प्राप्त किया जाता है और फिर इसे भूनकर फूल मखाना तैयार किया जाता है। मखाने की ऊपरी परत के रूप में जो छिलका चढ़ा रहता है, वह काफी सख्त होता है।
-यह छिलका एक प्रोटेक्टिव कवच के रूप में ना केवल मखाना को पानी में गलने से बचाता है बल्कि इसके प्राकृतिक गुणों को भी सहेजकर रखता है। यही कारण है कि मखाना में इसके प्राकृतिक गुण लंबे समय तक पूरी तरह सुरक्षित रहते हैं।
व्रत में मखाना खाने के लाभ
-व्रत में मखाना खाने से आपके शरीर को संपूर्ण पोषण की प्राप्ति होती है। व्रत में आप रेग्युलर भोजन नहीं करते हैं। ऐसे में आपका ब्लड प्रेशर कम हो सकता है। या भूख के कारण आपको काम पर फोकस करने में दिक्कत आ सकती है।
-लेकिन मखाना खाने से आपके शरीर में रक्त का फ्लो भी ठीक बना रहेगा और आपको भूख भी नहीं सताएगी। क्योंकि मखाना में फाइबर्स की मात्रा बहुत अधिक होती है और फाइबर पेट को लंबे समय तक भरा-भरा रखता है। साथ ही यह आपको लगातार ऊर्जा देने का काम भी करता है।
आयरन की भरपूर मात्रा
-आपको बता दें कि मखाना आयरन की प्राप्ति का एक प्रमुख स्त्रोत है। यदि आपको फूल मखाना खाने में इसके दांत में चिपकने की दिक्कत होती है तो आप इसे एक चम्मच फूड ग्रेड कोकोनट ऑइल या देसी घी में भूनकर काला नमक लगाकर खा सकते हैं।
-व्रत में काला नमक कम ही लोग खाना पसंद करते हैं, इसलिए आप इसे सेंधा नमक के साथ खा सकते हैं। इससे आपके शरीर में सोडियम की कमी भी नहीं होगी और आयरन आपके शरीर में ऊर्जा का स्तर बनाए रखने में मदद करेगा।
एनीमिया दूर करने में प्रभावी
-जिन लोगों को एनीमिया की समस्या रहती है, उन्हें नियमित रूप से मखाना का सेवन करना चाहिए। क्योंकि मखाना आपके शरीर में ना केवल ब्लड का सर्कुलेशन बढ़ाने का काम करता है बल्कि रक्त के उत्पादन में भी सहायक होता है।