हिंदी सिनेमा में कथानक आधारित फिल्मों के जरिए अपना नाम चोटी की अदाकाराओं में शामिल करा चुकीं अभिनेत्री भूमि पेडनेकर के लिए कोरोना का संक्रमण काल उनकी आहार की पसंदों में भी बदलाव लेकर आया है। भूमि लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए काम करती रही हैं और इस बारे में वह कहती हैं कि कोरोना के दौरान इस बारे में उन्हें तमाम नए विचारों पर काम करने के लिए प्रेरित किया।
अपने आसपास की प्रकृति को बचाए रखने के लिए हमेशा मुखर रहने वाली अभिनेत्री भूमि पेडनेकर ने लंबे अरसे से इस दिशा में काम किया है। वह ‘क्लाइमेट वारियर्स’ की टोली बनाने पर काम करती हैं और इस बारे में डिजिटल तरीके से इसका प्रचार प्रसार करती रहती हैं। इतना ही नहीं वह जलवायु की सुरक्षा के लिए तमाम कार्यों में अपना हाथ व्यक्तिगत रूप से भी बंटा चुकी हैं।
भूमि की नई फिल्म ‘दुर्गावती’ अगले महीने रिलीज होने जा रही है। फिल्म में वह एक ऐसे सरकारी अफसर की भूमिका में नजर आएंगी जो साजिशों का शिकार हो जाती है। इस फिल्म की चर्चा के दौरान ही ये पता चला कि भूमि अब शाकाहारी बन गई हैं तथा इसका श्रेय वह जलवायु को लेकर सजग करने वाली अपनी इस यात्रा को देती हैं, जिसके चलते वह अपनी दिनचर्या में ये बड़ा फैसला कर सकीं।
भूमि कहती हैं, “कई साल से मैं संपूर्ण शाकाहारी बनना चाहती थी लेकिन आदतों से पीछा छुड़ाना सबसे मुश्किल काम होता है। ‘क्लाइमेट वारियर’ के साथ शुरू हुए मेरे सफर ने मुझे बहुत कुछ सिखाया है और अब मांसाहार का मेरा दिल अपने आप ही नहीं ही नहीं करता।”
भूमि चाहती हैं कि उनके आसपास की दुनिया भी सकारात्मक तरीके से यूं ही बदलती रहे और लोग जलवायु संरक्षण में अपना किसी न किसी तरह का योगदान देते रहें। वह कहती हैं, “मैं बहुत बड़ी मांसाहारी कभी नहीं थी लेकिन, मैंने इसे लॉकडाउन में छोड़ने का फैसला किया। दरअसल यह ऐसी चीज थी, जो सहज और स्वभाविक रूप से घटित हो गई। अब तो इस बात को छह महीने गुजर चुके हैं और मैं अब किसी तरह के अपराध-बोध से ग्रस्त नहीं हूं और शारीरिक रूप से खुद को पहले से बेहतर महसूस कर रही हूं।“