Friday, November 22, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमUncategorizedइन नियमों और सामग्रियों के बिना अधूरी है देवी माँ की आराधना....

इन नियमों और सामग्रियों के बिना अधूरी है देवी माँ की आराधना….

17 अक्टूबर से नवरात्री का आरंभ होने वाला है, हिन्दु धर्म में नवरात्री के त्यौहार की अहम मान्यता है साल में दो बार नवरात्री का त्यौहार मनाया जाता है , जिन्‍हें चैत्र नवरात्र (Chaitra Navratri) और शारदीय नवरात्र (Sharad Navratri) के नाम से जाना जाता है.

jst_news
jst_news

चैत्र नवरात्र से हिन्‍दू वर्ष की शुरुआत होती है और, शारदीय नवरात्र (Shardiya Navratri) अधर्म पर धर्म और असत्‍य पर सत्‍य की विजय का प्रतीक है. यह त्‍योहार इस बात काद्योतक है कि मां की ममता जहां सृजन करती है. वहीं, मां का विकराल रूप दुष्‍टों का संहार भी कर सकता है,.यह भी एक मानयता है कि साल के इन्‍हीं नौ दिनों में देवी मां अपने मायके आती हैं. और इस त्यौहार को दुर्गा पूजा से भी जाना जाता है.

उत्सव के इस त्यौहार में देवी की पूजा अर्चना होती है ,हर राज्य में लोग अपनी मान्यता के हिसाब से पूजा करते है और इस त्यौहार का आनंद उठाते है. नौ दिनों का व्रत रखकर सुबह शाम आरती करना और भोग लगाना घर स्वच्छ रखना आलस न करना और अपने गुस्से पर नियंत्रण रखने से माँ प्रसन्न होती है…

व्रत के कुछ एहम नियम-

jst_news
jst_news

-नवरात्री के पहले दिन कलश स्‍थापना करके नौ दिनों तक व्रत रखने का संकल्‍प कर लें.

– पूरी श्रद्धा भक्ति से मां की पूजा करें.

– दिन के समय आप फल और दूध का सेवन कर सकते है .

– शाम के समय मां की आरती करे और भोग में मिठाई या फल का इस्तेमाल कर सकते , ध्यान रहे अखंड दीपक ज्योत पूरे नौ दिनों तक चलते रहना चाहिए .

– आरती के बाद ही भोजन ग्रहण करें.

– इस दौरान अन्‍न का सेवन न करके सिर्फ फलों का सेवन करें.

– अष्‍टमी या नवमी के दिन नौ कन्‍याओं को भोजन कराएं. उन्‍हें उपहार और दक्षिणा दें और उनसे आशीर्वाद ले.

पहली बार व्रत रखने वाले जान ले कलश स्थापना की पूरी विधि और मोहरत…

jst_news
jst_news

– सवेरे जल्दी उठकर स्नान कर ले और घर को स्वच्छ रखे।

-मंदिर को साफ़ करे और सबसे पहले गणेश जी का नाम ले और फिर माँ दुर्गा का नाम लेकर अखंड ज्योत जलाये कलश स्‍थापना के लिए मिट्टी के पात्र में मिट्टी डालकर उसमें जौ के बीज बोएं.

-एक तांबे के लोटे पर रोली से स्‍वास्तिक बनाएं और लोटे के ऊपरी हिस्‍से में मौली बांधें.

– लोटे में पानी भरकर उसमें कुछ बूंदें गंगाजल की मिलाएं. फिर उसमें सवा रुपया, धूप, सुपारी, इत्र और अक्षत डालें.

-कलश में अशोक या आम के पांच पत्ते लगा दें .

-एक नारियल को लाल कपड़े से लपेटकर उसे मौली से बांध दें और फिर नारियल को कलश के ऊपर रख दें.

-इस कलश को मिट्टी के उस पात्र के ठीक बीचों बीच रख दें जिसमें जौ बोएं हैं.

-कलश स्‍थापना के साथ ही नवरात्रि के नौ व्रतों को रखने का संकल्‍प लिया जाता है.

 

कलश स्‍थापना की तिथि और शुभ मुहूर्त

कलश स्‍थापना की तिथि: 17 अक्टूबर 2020

कलश स्‍थापना का शुभ मुहूर्त: 17 अक्टूबर 2020 को सुबह 06 बजकर 23 मिनट से 10 बजकर 12 मिनट तक.

कुल अवधि: 03 घंटे 49 मिनट

गलत समय में घट स्‍थापना करने से देवी मां क्रोधित हो सकती हैं. रात के समय और अमावस्‍या के दिन घट स्‍थापित करने की मनाई है.

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img