ग्रेटर नोएडा: पुलिस पर आये दिन आरोप लगने का सिलसिला जारी है।ये आरोप कभी झुठे तो कभी सच्चे भी होते है।ताजा मामला ग्रेटर नोएडा के सेक्टर बीटा-टू कोतवाली क्षेत्र का है जहा
61 वर्षीय बुजुर्ग महिला ने पुलिस पर गम्भीर आरोप लगाते हुये कहा कि पुलिस ने उसके बेटे और उसको अवैध हिरासत में रखकर मारपीट की।शनिवार को यह मामला मीडिया में भी आया।बीटा-1 सेक्टर के निवासियों ने बुजुर्ग महिला के आरोपों को सही बताते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी किया हैं।मामले ही गंभीरता देखते हुये पुलिस आयुक्त आलोक कुमार सिंह ने जांच के आदेश दिये है।यह जांच पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा) वृंदा शुक्ला को सौंपी गई है।आपको बता दे कि ग्रेटर नोएडा के बीटा-एक सैक्टर में रहने वाली 60 वर्षीय कमलेश सिंह ने बताया कि उनके पड़ोस में रहने वाले दंपत्ति का 3 अक्टूबर को आपस में झगड़ा हो गया था। जिसकी शिकायत उन्होंने पुलिस में की।वह दंपत्ति को समझाने के लिए कोतवाली पहुंच गई। लेकिन पड़ोसी महिला को उनके बीच में आना नागवार गुज़रा।पड़ोसी महिला ने बदला लेने के लिए बुज़ुर्ग महिला के बेटे के खिलाफ छेड़छाड़ की शिकायत कोतवाली पुलिस से कर दी।एक महिला दरोगा और दो सिपाही रात को क़रीब 9:00 बजे उनके बेटे को उठाकर थाने ले गए। जब उन्होंने थाने पहुंचकर बेटे को उठाकर लाने का कारण पूछा तो महिला दरोगा ने उनके साथ मारपीट की।उसे अवैध हिरासत में रखा।बुजुर्ग महिला का आरोप है कि पुलिस ने उनके बेटे को बुरी तरह पीटा।जिससे उसके कान का पर्दा फट गया है।सिर में गंभीर चोट आई हैं।महिला ने मुख्यमंत्री और डीजीपी से शिकायत की है।आरोपी पुलिसकर्मियों पर कारवाई की मांग की है।पीड़ित बुजुर्ग महिला के बेटे ने कहा कि उनके ऊपर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।उनके घर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। जिसकी जांच करके सच्चाई का पता लग जा सकता है।उन्हें तो यह भी नहीं पता था कि उसे पुलिस ने किस बात के लिए हिरासत में लिया है। पुलिस ने थाने ले जाकर बुरी तरह पीटा है।पीड़ित बुजुर्ग महिला ने इस घटना के बाद आपबीती घटना का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर किया है।उनका आरोप है कि पुलिस ने बेवजह दबाव बनाने के लिए मारपीट की।घटना को अंजाम दिया है।महिला के विडियो को देखकर लोगों में ग़ुस्सा है।इस पूरे प्रकरण पर पुलिस ने बताया गया कि महिला झूठ बोल रही है।अब रविवार की सुबह गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर के ट्विटर हैंडल की ओर से एक और ट्वीट किया गया है। जिसमें बताया गया है कि इस पूरे मामले पर पुलिस कमिश्नर आलोक कुमार सिंह ने संज्ञान लिया है। पुलिस कमिश्नर ने महिला मामलों की उपायुक्त वृंदा शुक्ला को जांच का आदेश दिया है। वृंदा शुक्ला सभी पक्षों से बात करेंगी। जानकारी लेने के बाद वास्तविकता का पता लगाएंगी।डीसीपी की ओर से रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में आगे की कार्यवाही की जाएगी।