Thursday, November 21, 2024
No menu items!
spot_img
spot_img
होमNCRदिल्लीस्पेशल मैरिज एक्ट: दिल्ली HC ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब

स्पेशल मैरिज एक्ट: दिल्ली HC ने नोटिस भेजकर मांगा जवाब

दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र और दिल्ली सरकार को नोटिस जारी कर स्पेशल मैरिज एक्ट में बदलावों को लेकर लगाई गई याचिका पर जवाब मांगा है।याचिका में संबंधित कानून के तहत होने वाली शादियों के लिए आपत्ति मंगाने को लेकर सार्वजनिक नोटिस के प्रावधानों को चुनौती दी गई है।

high_jstnews
high_jstnews

याचिका में कहा गया है कि इस तरह के सार्वजनिक नोटिस जारी करके 1 महीने का वक्त लगाने के कारण स्पेशल मैरिज एक्ट में शादी करने वाले लोगों की तकलीफ और बढ़ जाती हैं। बताया गया है कि खुद लॉ कमीशन ने यह माना है 1 महीने का वक्त स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत होने वाली शादियों को हतोत्साहित करता है।

full_jstnews
full_jstnews

दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका रहमान की तरफ से लगाई है। सुनवाई के दौरान इस मामले में बतौर वकील पैरवी कर रहे उत्कर्ष सिंह से कोर्ट ने पूछा कि क्या कि स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत क्या शादी करने वाले जोड़ों को व्यवहारिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है? जिस पर याचिकाकर्ता ने बताया कि व्यवहारिक दिक्कतों के आने के कारण ही यह याचिका कोर्ट में लगाई गई है।

featured_jstnews
featured_jstnews

स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत  दो अलग-अलग धर्मों के लोग  शादी करते हैं  शादी करने से पहले दोनों पक्षों की तरफ से कोई भी आपत्तियां दर्ज कराने के लिए  30 दिन का समय दिया जाता है। जबकि बाकी धर्मो में शादी करने वाले जोड़ों के लिए ये नियम लागू नहीं होता है।

delhi_jstnews
delhi_jstnews

याचिकाकर्ता का तर्क है कि जब स्पेशल मैरिज एक्ट के तहत कोई भी जोड़ा शादी करता है तो कोर्ट में इसको लेकर हलफनामा दाखिल किए जाते हैं जिसमें व्यक्तिगत तौर पर सभी जानकारियां होती हैं। 30 दिन का वक्त यह सुनिश्चित करने के लिए दिया जाता है जिससे यह साफ हो सके कि शादी करने वाले 2 लोगों में से पहले से कोई शादीशुदा तो नहीं है, मानसिक रूप से उसे कोई परेशानी तो नहीं, या इसी तरह की कोई और व्यक्तिगत परेशानी को लेकर अगर दोनों पक्षों में से किसी के भी परिवार का सदस्य आपत्ति दर्ज करना चाहे तो स्वतंत्र होता है।

hc_jstnews
hc_jstnews

याचिकाकर्ता का कहना है कि हलफनामा दाखिल करते वक्त दोनों पक्ष अपनी जानकारियां शादी से पहले कोर्ट मैरिज के दौरान देते है. ऐसे में 30 दिन का यह वक्त दिए जाने की कोई आवश्यकता नहीं है। दिल्ली हाई कोर्ट इस मामले की अगली सुनवाई अब 27 नवंबर को करेगा।

 

- Advertisement -spot_img

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

- Advertisment -spot_img

NCR News

Most Popular

- Advertisment -spot_img