खबर ये आ रही की कम्पेनसेशन सेस को जून 2022 से लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय राज्य को नुक्सान से बचने के लिए लिया गया है।
आज की हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया। जिसमें बताया जा रहा है की वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) काउंसिल ने यह तय किया है कि लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पेनसेशन सेस को जून 2022 से भी आगे बढ़ाया जाएगा। यह निर्णय राज्य को नुक्सान से बचने के लिए लिया गया है।
आशंका यह जताई जा रही है कि मुआवजे के लिए केंद्र सरकार के विकल्प को केवल 20 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश ने स्वीकारा है। कांग्रेस और अन्य विपक्षी दलों के शासन वाले ज्यादातर राज्यों ने केंद्र की पेशकश को ठुकरा दिया है। केंद्र ने आश्वासन दिया था कि इस उधारी को चुकाने के लिए लग्जरी और कई अन्य तरह की वस्तुओं पर लगने वाले कम्पेनसेशन सेस को 2022 से भी आगे बढ़ा दिया जाएगा. नियम के मुताबिक यह जीएसटी लागू होने के बाद सिर्फ पांच साल तक लगना था।
राज्य की केंद्र सरकार से मांग यह है की राज्य करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी का बकाया मुआवजा दिया जाए । इसके बदले में केंद्र ने उन्हें उधार लेने के दो विकल्प दिये हैं। लेकिन केंद्र की इस पेशकश को लेकर राज्य बंटे हुए हैं।
कुछ इस तरह है मुआवजे का गणित :
राज्यों का करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार का मनना यह है कि इसमें से करीब 97,000 करोड़ रुपये का नुकसान ही जीएसटी लागू होने की वजह से है, बाकी करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से है।
क्या है मुआवजे का गणित
राज्यों का करीब 2.35 लाख करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा बकाया है, लेकिन केंद्र सरकार का गणित यह है कि इसमें से करीब 97,000 करोड़ रुपये का नुकसान ही जीएसटी लागू होने की वजह से है, बाकी करीब 1.38 लाख करोड़ रुपये का राजस्व नुकसान कोरोना महामारी और लॉकडाउन की वजह से है।