केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा जारी कर कहा है कि एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी. ये नियम सिर्फ दो करोड़ रुपये तक के लोन के लिए है।
लॉकडाउन में लोगों को आर्थिक तौर पर राहत देने के लिए रिजर्व बैंक ने लोन की EMI भुगतान टालने (मोरेटोरियम) की सुविधा दी थी। ये सुविधा केवल 6 महीने के लिए दी गई जो की मार्च में शुरु की गई थी। इससे लाभ लेने वाले लोगों को अब एक और राहत मिली है।
रिजर्व बैंक ने मार्च में लोगों को मोरेटोरियम लोन की ईएमआई 3 महीने के लिए टालने की सुविधा दी थी। बाद में इसे 3 महीने और बढ़ाकर दीया गया। रिजर्व बैंक ने कहा था कि लोन की किस्त 6 महीने नहीं चुकाएंगे, तो इसे डिफॉल्ट नहीं माना जाएगा। इसके साथ एक शर्त भी रखी गई कि मोरेटोरियम के बाद बकाया पेमेंट पर पूरा ब्याज देना पड़ेगा। मतलब ये कि मोरेटोरियम सुविधा खत्म होने के बाद पिछले 6 माह की लोन के ब्याज पर अतिरिक्त ब्याज लगेगा।
जैसे मान लीजिए कि आपने 6 लाख रुपये के कार लोन पर छह महीने के लिए मोरेटोरियम की सुविधा ली थी। आपने जब मोरेटोरियम की सुविधा ली तब 50 महीनों की किस्त बाकी थी। आप पर अतिरिक्त ब्याज लगभग 36,000 रुपये बनता है, जो लगभग 3 ईएमआई के बराबर होगा। आपको यहां बता दें कि ये कैलकुलेशन सरकारी बैंक एसबीआई के कार लोन का है।
होम लोन में
मान लीजिए कि कबीर ने 50 लाख रुपये के एसबीआई होम लोन पर छह माह के मोरेटोरियम की सुविधा ली थी. कबीर के होम लोन के खत्म होने में 15 साल का समय बचा है। लेकिन मोरेटोरियम की सुविधा की वजह से कबीर पर अतिरिक्त ब्याज लगभग 4.54 लाख रुपये बनता है जो 16 ईएमआई के बराबर होगा।
कोर्ट से मिली राहत
सुप्रीम कोर्ट के बाद सरकार की ओर से बैंक लोन या क्रेडिट कार्ड के मोरेटोरियम पर लगने वाले अतिरिक्त ब्याज पर राहत दी गई है। केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दर्ज कर कहा है कि एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा। इसके अलावा क्रेडिट कार्ड पर भी अब बकाया ब्याज वसूला नहीं की जाएगा।