भारतीय सिनेमा जगत मे जिन्होने अपने सुरो और गीतो से लोगो को दिवाना बना रखा है उनमे से एक लता मंगेशकर है। स्वर कोकिला लता मंगेशकर 28 सितंबर को अपना जन्मदिन मनाती है। लता मंगेशकर का जन्म मराठी ब्रम्हण परिवार में, मध्य प्रदेश के इंदौर शहर में हुआ था। उनके पिता दिनानाथ मंगेशकर रंगमंच कलाकार और गायक थे। इनके परिवार से भाई हृदयनाथ मंगेशकर और बहनों मे उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और आशा भोंसले सभी संगीतकार है। लता जी ने अपनी बहन आशा भोंसले के साथ फ़िल्मी गायन में सबसे बड़ा योगदान दिया है।
लता जी बचपन से ही गायक बनना चहाती थी। बचपन में उन्हें काफी संघर्षों का सामना करना पड़ा। 13 साल की उम्र मे उनके पिता गुजर गए थे और बड़ी बहन होने के कारण सारी जिम्मेदारी उनके कंघों पे आ गयी थी। छोटे भाई-बहनो की जिम्मेदारी उठाने की वजह से उन्होने शादी ना करने का फेसला लिया।
लता मंगेशकर कम उम्र में ही काम करने लगी थी। लता जी ने लगभग तीस से ज्यादा भाषाओं में फ़िल्मी और गैर-फ़िल्मी गाने गाये और हिन्दी और मराठी फ़िल्मों में भी काम किया।
अभिनेत्री के रूप में उनकी पहली फ़िल्म पाहिली मंगलागौर (1942) रही, जिसमें उन्होंने स्नेहप्रभा प्रधान की छोटी बहन की भूमिका निभाई। बाद में उन्होंने कई फ़िल्मों में अभिनय किया जिनमें, माझे बाल, चिमुकला संसार (1943), गजभाऊ (1944), बड़ी माँ (1945), जीवन यात्रा (1946), माँद (1948), छत्रपति शिवाजी (1952) शामिल थी। बड़ी माँ, में लता ने नूरजहाँ के साथ अभिनय किया और उनकी छोटी बहन की भूमिका निभाई।
लता मंगेशकर अपना पहला गाना मराठी फिल्म ‘किती हसाल’ (कितना हसोगे?) (1942) में गाया था। लता मंगेशकर को सबसे बड़ा ब्रेक फिल्म महल से मिला। उनका गाया “आयेगा आने वाला” सुपर डुपर हिट था।लता मंगेशकर ने 1980 के बाद से फ़िल्मो में गाना कम कर दिया और स्टेज शो पर अधिक ध्यान देने लगी। लता मंगेशकर ने आनंद घन बैनर तले फ़िल्मो का निर्माण भी किया है और संगीत भी दिया है। वे हमेशा नंगे पाँव गाना गाती हैं।
लता जी को अपने सिनेमा करियर में बहुत मान-सम्मान मिला। लता जी एकमात्र ऐसी जीवित व्यक्ति हैं जिनके नाम से पुरस्कार दिए जाते हैं।लता मंगेशकर को न्यूयॉर्क यूनिवर्सिटी सहित कई विश्वविद्यालयों में मानक उपाधि से नवाजा गया है। वे फिल्म इंडस्ट्री की पहली महिला हैं जिन्हें भारत रत्न और दादा साहब फाल्के पुरस्कार प्राप्त हुआ।