दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर तीन प्राथमिकता वाले आरआरटीएस कॉरिडोर्स में से एक है जिसे पहले चरण में लागू किया जा रहा है । क्षेत्रीय रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के लिए 180 किमी प्रति घंटे की गति वाली ऊर्जा-कुशल ट्रेनों की पहली झलक शुक्रवार को नई दिल्ली में मिनिस्ट्री ऑफ हाउसिंग एंड अर्बन अफेयर के सेकेट्री दुर्गा शंकर मिश्रा द्वारा दिखाई गई है ।
अभी दिल्ली से मेरठ के बीच का सफर 3 से 4 घंटे का सफर 60 मिनट में तय हो जाएगा। 82 किलोमीटर लंबा दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ कॉरिडोर भारत में लागू होने वाला पहला आरआरटीएस कॉरिडोर है। गाजियाबाद, साहिबाबाद, गुलधर और दुहाई आरआरटीएस स्टेशन का निर्माण कार्य भी पूरे जोरो पर है । साहिबाबाद से दुहाई के बीच के 17 किमी लंबे प्राथमिक खंड पर परिचालन 2023 से प्रस्तावित है जबकि पूरे कॉरिडोर को 2025 में जनता के लिए खोल दिया जाएगा ।
- हाई स्पीड ट्रेन का डिजाइन दिल्ली के लोट्स टेंपल से प्रेरित है । इस टेंपल में ऊर्जा की बचत होती है, साथ ही हवा भी आती रहती है ।
- ट्रेन में भी ऐसी प्रकाश और तापमान नियंत्रण प्रणाली होगी जो ऊर्जा के कम खपत के बावजूद यात्रियों को आरामदायक अनुभव देगी ।
- स्टेनलेस स्टील से बनी यह एयरोडायनेमिक ट्रेन हल्की होने के साथ-साथ पूरी तरह से वातानुकूलित होगी ।
- प्रत्येक कोच में प्रवेश और निकास के लिए प्लग-इन प्रकार के छह (दोनों तरफ तीन-तीन) स्वचालित दरवाजे होंगे जबकि बिजनेस क्लास कोच में ऐसे चार (दोनों तरफ दो-दो) दरवाजे होंगे ।
- प्रत्येक ट्रेन में एक बिजनेस क्लास कोच भी होगा ।
- हाई स्पीड ट्रेन के बिजनेस क्लास कोच के अंदर फूड डिस्पेंसिंग मशीन भी लगी होगी।
- कोच में 2×2 आरामदायक सीटें, यात्रियों के पैर रखने के लिए पर्याप्त जगह, खड़े होकर यात्रा कर रहे लोगों का सफर आरामदायक बनाने के लिए दोनों तरफ की सीटों के बीच में पर्याप्त जगह, सामान रखने के लिए रैक, मोबाइल/ लैपटॉप चार्जिंग पॉइंट, वाई-फाई और अन्य यात्री-केंद्रित सुविधाएं भी होंगी ।
- आरआरटीएस ट्रेन का पहला प्रोटोटाइप (नमूना) 2022 तक निर्मित हो जाएगा और विस्तृत परीक्षण के बाद सार्वजनिक उपयोग में लाया जाएगा ।
- एनसीआरटीसी रीजनल रेल सेवाओं के संचालन के लिए 6 कोच के 30 ट्रेन सेट और मेरठ में स्थानीय परिवहन सेवाओं के लिए 3 कोच के 10 ट्रेन सेट खरीदेगा ।
- हाई स्पीड ट्रेन में ऑडियो-विडियो की घोषणा की सुविधा होगी जिससे स्टेशन की पूरी जानकारी मिल सकेगी ।
- सीसीटीवी कैमरे लगे होंगे । इसके अलावा फायर ऐंड स्मोक डिटेक्टर, अग्निशामक यंत्र और डोर इंडिकेटर भी होगा ।
- हाई स्पीड ट्रेन में बैठने वाले लोग बाहर के मनोरम दृश्य आसानी से देख सकेंगे ।
- इसके लिए ट्रेन में डबल ग्लेज्ड, टेम्पर्ड प्रूफ बड़ी शीशे की खिड़कियां लगाई गई हैं ।
- हाई स्पीड ट्रे में दिव्यांगजनों के लिए दरवाजों के पास व्हीलचेयर के लिए जगह होगी ।
- प्रत्येक ट्रेन में एक कोच महिलाओं के लिए आरक्षित होगा ।
- बिजनेस क्लास कोच में प्रवेश के लिए प्लैटफॉर्म पर एक विशेष लाउंज भी होगा ।
- स्टेशन पर प्लैटफॉर्म स्क्रीन डोर होंगे और ये दरवाजे ट्रेन के दरवाजों के साथ ही खुलेंगे ।
- ये ट्रेनें पर्यावरण के अनुकूल और ऊर्जा कुशल होने के साथ साथ एनसीआर और आस-पास के क्षेत्रों के आर्थिक विकास में तेजी लाकर, नए आर्थिक अवसर पैदा करके और वायु प्रदूषण, कार्बन फुटप्रिंट, भीड़-भाड़ और दुर्घटनाओं को कम करके लोगों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार लाएगी ।