दशहरा को हिंदूओं का प्रमुख त्याहार माना जाता है. यह परंपरा सदीयों से चली आ रही है. जिस दिन प्रभु श्रीराम के हाथों रावण का वध हुआ ऊसी दिन को दशहरे के रुप में मनाया जाता है.
दशहरा को बुराई पर अच्छाई की जीत का सबसे बड़ा प्रतीक माना जाता है. हिंदू पचांग के अनुसार, दशहरा दीवाली से ठीक 20 दिन पहले आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है. वहीं इस दिन मां दुर्गा ने महिषासुर का संहार भी किया था, इसलिए भी इसे विजय दशमी काहा जाता है.
विजय दशमी का त्योहार इस साल रविवार, 25 अक्टूबर को मनाया जाएगा. पितृपक्ष के बाद अधिकमास लगने की वजह से नवरात्रे, दशहरा और सभी एक महीने देर से आएंगे. 17 अक्टूबर से नवरात्रि का शुरुआत होगी और 24 अक्टूबर को रामनवी के अगले ही दिन पूरे देश में दशहरे का त्योहार मनाया जाएगा. इसके ठीक 20 दिन बाद यानी शनिवार, 14 नवंबर को दीपावाली का पर्व मनाया जाएगा.
विजय दशमी 25 अक्टूबर को 7 बजकर 45 मिनट से 26 अक्टूबर को 9 बजकर 01 मिनट तक रहेगी. इस बीच 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 38 तक विजय मुहूर्त रहेगा. जबकि 01 बजकर 11 मिनट से 03 बजकर 24 मिनट तक अपराह्न पूजा का समय रहेगा.
इस दिन महिषासुर मर्दिनी मां दुर्गा और भगवान राम की पूजा करनी चाहिए. इससे सम्पूर्ण विपत्तियों का नाश होता है और जीवन में विजय प्राप्त होती है इस दिन अस्त्र-शस्त्र की पूजा करना बड़ा फायदेमंद होता है. नवग्रहों को नियंत्रित करने के लिए भी दशहरे की पूजा शुभ होती है.